टूटी पॉलिटिक्स, बिखरा परिवार... समेटने में जुटे लालू यादव को आई पुराने 'संकटमोचकों' की याद

लालू फिलहाल पार्टी और परिवार दोनों तरफ से बड़े संकट में हैं. बात उनके हाथ से निकल चुकी है. ऐसे में उन्होंने पुराने सलाहकारों को साधना शुरू कर दिया है.

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देश का एक बड़ा राजनीतिक परिवार टूट रहा है. लालू यादव ने पहले अपने बेटे तेज प्रताप को घर और पार्टी से बाहर किया. अब बिहार चुनाव में आरजेडी की बुरी गत के तुरंत बाद उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने परिवार से नाता तोड़ने और राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया. अपनी किडनी देकर लालू की जान बचाने वाली रोहिणी ने न सिर्फ ऐलान किया बल्कि एयरपोर्ट पहुंचकर जमकर भला-बुरा भी कहा. इस मुश्किल घड़ी में पार्टी, पॉलिटिक्स और परिवार को संभालने के लिए लालू यादव को अपने पुराने सलाहकारों की याद आई है. उन्हें साधना शुरू कर दिया है. शनिवार की शाम जगदानंद सिंह पटना में राबड़ी देवी आवास पहुंचे. आरजेडी के भरोसेमंद रहे जगदीश शर्मा भी लालू के घर पहुंचे हैं. 

जगदानंद सिंह बहुत लंबे समय तक राजद के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. उन्हें लालू का करीबी माना जाता रहा है. बिहार की राजनीति में लालू और जगदानंद के कई किस्से मशहूर हैं. कहते हैं, लालू जिन दो लोगों को सबसे ज्यादा सम्मान देते रहे, उनमें जगदानंद एक थे. लालू के मुश्किल समय में कई बार उन्होंने सहारा दिया है. लालू जब चारा घोटाले में जेल गए थे, तब भी जगदानंद ने पार्टी को संभाला था. 

हालांकि राजनीति की रपटीली राह पर रिश्तों को साधे रखना आसान नहीं है. जगदानंद भी इससे अछूते नहीं रहे. पिछले कुछ समय से उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली थी. लालू के सुपुत्र तेजप्रताप और जगदानंद की तनातनी काफी सुर्खियों में रही थी. 2021 में तो तेजप्रताप ने जगदानंद के खिलाफ खुलेआम मोर्चा खोल दिया था. जगदानंद को 'आरएसएस एजेंट' बताते हुए पार्टी से हटाने तक की मांग कर दी थी. तब जगदानंद बिहार आरजेडी के प्रमुख थे. मामला इतना बढ़ा कि खुद लालू को दखल देना पड़ा था. 

हालांकि लालू यादव ने जब तेजप्रताप को पार्टी और परिवार से बेदखल कर दिया था, तब जगदानंद के बेटे सुधाकर सिंह ने तेजप्रताप की ढाल बनकर सामने आए थे और उनका सपोर्ट किया था. सुधाकर सिंह ने रामविलास पासवान के पहली पत्नी के होते दूसरी शादी करने का उदाहरण देकर लालू को समझाया भी था. तेजप्रताप और जगदानंद के कटु संबंधों को देखते हुए लोगों को इस पर काफी हैरानी भी हुई थी. 

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अब लालू पार्टी और परिवार दोनों की तरफ से संकट में हैं. बात उनके हाथ से निकल चुकी है. तेजप्रताप और तेजस्वी की अनबन किसी से छिपी नहीं है. वह तेजस्वी को फूटी आंख नहीं सुहाते. बिहार की हार के बाद तेजस्वी को फेलस्वी बताने का उनका ताजा बयान चर्चा में है. भाई-भाई की लड़ाई थम नहीं पा रही थी कि अब बहन ने भी किनारा कर लिया है. 

तेजस्वी यादव की बड़ी बहन रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पोस्ट में राजनीति छोड़ने और परिवार से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है. रोहिणी ने पहले अपनी पोस्ट में बस इतना ही लिखा था, लेकिन बाद में उसे एडिट करके ये भी लिखा- "..संजय यादव और रमीज ने मुझे यही करने को कहा था और सारा दोष मैं अपने ऊपर लेती हूं."

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इसके बाद शनिवार को रोहिणी जब पटना एयरपोर्ट पहुंचीं तो संजय यादव, रमीज के अलावा तेजस्वी पर भी बरसीं. उन्होंने कहा, "मेरा कोई परिवार नहीं है. संजय यादव, रमीज और तेजस्वी यादव से पूछिए उन लोगों ने मुझे परिवार से निकाला है." रोहिणी यहीं नहीं रुकीं. उन्होंने कहा कि पूरा देश पूछ रहा है कि पार्टी इतनी नाकाम क्यों हुई. जब आप संजय यादव और रमीज़ का नाम लेते हैं, तो आपको घर से निकाल दिया जाता है, बेइज्जत किया जाता है, गालियां दी जाती हैं और यहां तक कि चप्पल उठाकर मारा भी जाता है." रोहिणी का इतना गुस्सा दिखाता है कि लालू परिवार में आग बहुत भड़की हुई है.

ये भी देखें- लालू को किडनी देने वाली बेटी रोहिणी बोलीं- मेरा कोई परिवार नहीं, मुझे चप्पल से मारा जाएगा

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आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद से जगदानंद राजनीतिक रूप से एक्टिव नहीं दिख रहे थे. लेकिन आरजेडी की करारी हार और परिवार में कलह के बीच जगदानंद का शनिवार को सर्कुलर रोड स्थित रबड़ी आवास पहुंचने से चर्चाओं का दौर गरम हो गया है. माना जा रहा है कि संकट के इस दौर में लालू ने अपने पुराने सलाहकारों को याद करना शुरू कर दिया है. ऐसी भी अटकलें हैं कि बुरी गत के बीच पार्टी में जगदानंद की वापसी की तैयारी चल रही है. उनके अलावा पार्टी के भरोसेमंद रहे जगदीश शर्मा भी लालू के घर पहुंचे हैं. देखना होगा कि ये संकटमोचक लालू की पार्टी और परिवार में लगी आग को कितना बुझा पाते हैं. 

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