'निजी क्षेत्र में भी मिले आरक्षण...' - बिहार में नीतीश कुमार के सहयोगी जीतन राम मांझी का अब एक और बयान चर्चा में

उन्होंने कहा कि आज भी उच्च न्यायालयों में आरक्षण नहीं है. शेड्यूल कास़्ट के लोगों को जानबूझकर फंसा दिया जाता है. इसके बाद उनकी सजा हो जाती है.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
आरक्षण के मुद्दे पर बोले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी.
पटना:

बिहार में एनडीए में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा. हाल के दिनों में अक्सर एनडीए के सहयोगी दल के नेता अपनी ही पार्टी को कई मुद्दों पर घेरते नजर आते हैं. सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की टिप्पणियां भी कई बार अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए नजर आती हैं. मांझी ने एक कार्यक्रम में भाजपा का नाम लिए बिना आरक्षण के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि आरक्षण को तोड़ा जा रहा है. इसे छिना जा रहा है. साथ ही संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है. बाबा साहेब के संविधान को लोग मसल रहे हैं. 

इस दौरान मांझी ने निजी क्षेत्रों में आरक्षण देने की बात भी दोहराई. उन्होंने कहा कि आज भी उच्च न्यायालयों में आरक्षण नहीं है. शेड्यूल कास़्ट के लोगों को जानबूझकर फंसा दिया जाता है. इसके बाद उनकी सजा हो जाती है.  शनिवार को ये सारी बातें उन्होंने पटना में आयोजित गरीब चेतना सम्मेलन में कहीं. 

Advertisement

मांझी बिहार में लागू शराबबंदी कानून पर भी सरकार को कई बार घेर चुके हैं. वह अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं. हाल ही में उन्होंने जमुई जिले के सिकंदरा में भगवान राम पर ही सवाल उठा दिए थे. उन्होंने कहा था कि राम कोई भगवान नहीं हैं. वह रामायण लिखने वाले वाल्मीकि और तुलसीदास को मानते हैं, पर राम को नहीं जानते. वे यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि राम भगवान थोड़े ही थे, वे तो तुलसीदास और बाल्मीकि रामायण के पात्र थे.

Advertisement

ये भी पढ़ें- 

यूपी पुलिस अलर्ट मोड में, दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर हिंसा के बाद सतर्कता
केरल के पलक्कड़ में आरएसएस नेता की हत्या, कुछ घंटों पहले हुआ था PFI नेता का मर्डर
पाकिस्तान : इमरान खान की पार्टी के MLAs ने विधानसभा के डिप्टी स्पीकर को थप्पड़, घूंसे मारे और घसीटा

Advertisement
Featured Video Of The Day
PM Modi in Bageshwar Dham: 'नेत्र महाकुंभ में गरीब लोगों की मुफ्त में जांच हो रही है' | Chhatarpur
Topics mentioned in this article