बिहार में एनडीए में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा. हाल के दिनों में अक्सर एनडीए के सहयोगी दल के नेता अपनी ही पार्टी को कई मुद्दों पर घेरते नजर आते हैं. सहयोगी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की टिप्पणियां भी कई बार अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए नजर आती हैं. मांझी ने एक कार्यक्रम में भाजपा का नाम लिए बिना आरक्षण के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि आरक्षण को तोड़ा जा रहा है. इसे छिना जा रहा है. साथ ही संविधान के साथ खिलवाड़ हो रहा है. बाबा साहेब के संविधान को लोग मसल रहे हैं.
इस दौरान मांझी ने निजी क्षेत्रों में आरक्षण देने की बात भी दोहराई. उन्होंने कहा कि आज भी उच्च न्यायालयों में आरक्षण नहीं है. शेड्यूल कास़्ट के लोगों को जानबूझकर फंसा दिया जाता है. इसके बाद उनकी सजा हो जाती है. शनिवार को ये सारी बातें उन्होंने पटना में आयोजित गरीब चेतना सम्मेलन में कहीं.
मांझी बिहार में लागू शराबबंदी कानून पर भी सरकार को कई बार घेर चुके हैं. वह अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर भी चर्चा में रहते हैं. हाल ही में उन्होंने जमुई जिले के सिकंदरा में भगवान राम पर ही सवाल उठा दिए थे. उन्होंने कहा था कि राम कोई भगवान नहीं हैं. वह रामायण लिखने वाले वाल्मीकि और तुलसीदास को मानते हैं, पर राम को नहीं जानते. वे यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा कि राम भगवान थोड़े ही थे, वे तो तुलसीदास और बाल्मीकि रामायण के पात्र थे.
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