बिहार चुनाव नतीजों का निचोड़: मोदी बोले हमें 'MY' फॉर्म्युला ने जिताया है, जानिए क्या है

विज्ञापन
Read Time: 8 mins
Bihar Chunav Results
पटना:

Bihar Chunav Results Updates: 243 की विधानसभा में 202 सीटें! बिहार में NDA ऐसा छप्परफाड़ जीतेगा किसी ने सोचा न था. रुझान अगर नतीजों में बदलते हैं तो NDA को 2010 के बाद इतनी बड़ी जीत मिल रही है. ऐसी सूनामी चली है कि महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया है. आखिर ऐसा हुआ क्या? जानिए इन सीटों का पूरा निचोड़...

  1. गठबंधनबढ़त/जीत 2020नफा/नुकसान
    NDA202122+80
    महागठबंधन35114-79
    अन्य67-1
  2. बिहार में NDA की बंपर जीत के बाद दिल्ली के बीजेपी मुख्यालय में पीएम मोदी ने विजयी भाषण दिया. बिहारी स्टाइल में गमछा लहराते हुए उन्होंने एंट्री ली और फिर महागठबंधन पर एक एक कर वार किए. जानिए उनके भाषण की बड़ी बातें...  
    1-
    जय छठी मैया से अपना भाषण शुरू किया
    2-बिहार के लोगों ने बिल्कुल गर्दा उड़ा दिया
    3-आज बिहार के घर घर में मखाने की खीर बनेगी.
    4-यहां भी मखाने की खीर सबको खिलाई गई है
    5-एनडीए के लोग जनता-जनार्दन के सेवक हैं.
    6-बिहार में अब वापस नहीं आएगी कट्टा सरकार
    7-
    लोहे लोहे को काटता है. बिहार में कुछ दलों ने तुष्टीकरण वाला MY फॉर्म्युला बनाया था. लेकिन इस जीत ने एक पॉजिटिव MY फॉर्म्युला दिया है. यह है महिला और यूथ. 
    8-बिहार ने फिर दिखाया है कि झूठ हारता है, जनविश्वास जीतता है. बिहार में फिर साफ कर दिया है कि जमानत पर चल रहे लोगों का जनता साथ नहीं देगी.
    9-बिहार की महान भूमि फिर कभी जंगलराज की वापसी नहीं होने वाली है. आज की यह जीत बिहार के उन माताओं बहनों की है, जिन्होंने सालों तक आरजेडी के शासन में जंगलराज का आतंक झेला है. 
     
  3. राहुल की ‘वोटर अधिकार यात्रा' बेअसरः कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले निकाली गई ‘वोटर अधिकार यात्रा' बेअसर साबित हुई है, क्योंकि यह यात्रा जिन क्षेत्रों से होकर गुजरी वहां भी प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में बीते 17 अगस्त को रोहतास जिले के सासाराम से शुरू हुई यह यात्रा कथित वोट चोरी और मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ थी. यह यात्रा रोहतास, औरंगाबाद, गयाजी, नवादा, शेखपुरा, नालंदा, लखीसराय, मुंगेर, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर और कुछ अन्य क्षेत्रों से गुजरी थी. यात्रा की शुरुआत जिस सासाराम में हुई थी, वहां महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा. सासाराम विधानसभा क्षेत्र में राष्ट्रीय लोक मोर्चा की स्नेहलता ने राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार सतेंद्र शाह को पराजित किया. रोहतास जिले के बाद इस यात्रा का दूसरा प्रमुख पड़ाव औरंगाबाद जिला था. यहां पर भी महागठबंधन को निराशा हाथ लगी और स्थिति यह रही कि जिले की कुटुंबा विधानसभा सीट पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश कुमार राम को भी हार का सामना करना पड़ा. यात्रा के दौरान गया शहर में राहुल गांधी की एक सभा हुई थी. इस क्षेत्र में भी भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री प्रेम कुमार विजयी रहे. ‘वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान सीमांचल और कई अन्य इलाकों में भारी भीड़ जुटी थी, लेकिन इन इलाकों में भी वह कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सकी. 

    राहुल को नहीं मिला यात्रा का फल

  4. प्रशांत किशोर ‘अर्श' नहीं, ‘फर्श' पर रहे: देश के कई राजनीतिक दलों की सफलता में भूमिका अदा करने वाले मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अपने पहले चुनाव में पूरी तरह नाकाम रहे और उन्हें एक भी सीट हासिल नहीं हुई. वैसे, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने कई बार यह कहा था कि उनकी जन सुराज पार्टी ‘अर्श' पर रहेगी या फर्श पर रहेगी. उनका यह बयान उनके लिए कड़वी हकीकत बन गया. बिहार विधानसभा चुनाव में किशोर ने दो बड़े दावे किए थे. उनका दावा था कि जन सुराज “अर्श पर या फ़र्श पर'' रहेगी. वहीं, उन्होंने जद (यू) को लेकर भविष्यवाणी की थी कि नीतीश कुमार की पार्टी 25 सीटें से ज्यादा नहीं जीतेगी. किशोर की अपनी पार्टी के लिए राह बेहद कठिन साबित हुई. जन सुराज पार्टी एक भी सीट नहीं जीत सकी. अधिकतर सीटों पर जन सुराज प्रत्याशियों की ज़मानत ज़ब्त हो गई. 
  5. वोट शेयर भी छप्परफाड़: बिहार के चुनावी इतिहास में NDA के लिए ऐसी खुशखबरी दूसरी बार आई है. 2010 में 206 के बंपर बहुमत के बाद NDA ने 2025 में कुछ वैसी ही करिश्मा कर दिखाया है. नीतीश-BJP की जोड़ी ने डबल सेंचुरी मारी है. स्कोर 202 छू चुका है. चुनाव आयोग की साइट पर BJP महागठबंधन में 90 सीटों के साथ सबसे बड़ा दल है. उसका वोटर शेयर बढ़कर 21.05% हो गया है. 2020 में BJP के पास 19.5% वोट शेयर के साथ 74 सीटें थीं. JDU दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. उसका वोट शेयर 2020 के 15.4% से बढ़कर 18.98% हो गया है. यानी दोनों का जनाधार बढ़ा है. सबसे चौंकाने बात यह है कि महागठबंधन में 27 सीटों पर सिमट रही तेजस्वी की RJD के वोटों में बहुत ज्यादा कमी नहीं आई है, लेकिन सीटों में उसे BJP और JDU जैसा छप्परफाड़ फायदा नहीं हुआ है. RJD का वोट शेयर 22.86% है. 2020 में में RJD का वोट शेयर 23.1% था. हालांकि RJD के बढ़े सीटों का एक फैक्टर यह भी है कि BJP और JDU 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जबकि महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी ने 146 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. 

    बिहार विधानसभा चुनाव रिजल्ट 2025: किस पार्टी को कितना वोट

  6.  बिहार में NDA 6/6:  छह की छह अंगुलियां घी में...  हाथ की अंगुलियां 6 होतीं तो आज बिहार में NDA के लिए कहावत ऐसी ही होती. बिहार के सभी 6 अंचलों में NDA की सूनामी चली. भोजपुर और मगध में तो NDA की झोली में छप्पर फाड़कर वोट बरसे. भोजपुर की 46 सीटों में 39 NDA के खाते में दिख रही हैं. उसे 28 सीटों का फायदा हुआ है. मगध में भी ऐसा ही सीन है. 47 में से 39 सीटों के साथ NDA ने क्लीन स्वीप कर लिया. मगध में उसे 22 सीटों का सीधा फायदा होता दिख रहा है. तिरुहत में 49 में से 48 सीटें NDA उड़ता दिख रहा है. उसे 17 सीटों की बढ़त है. सबसे चौंकाने वाले नतीजे सीमांचल से हैं. महागठबंधन के किले में नीतीश-BJP की जोड़ी ने 1 सीट कमाते हुए 13 सीटों पर बढ़त बनाई.  

    बिहार के 6 अंचलों में किसे कितनी सीटें मिल रही हैं.

  7. Advertisement
  8. चप्पा-चप्पा NDA: चुनाव रुझान-नतीजों के बाद बिहार का नक्शा कुछ यूं नजर आ रहा है. चप्पा-चप्पा NDA के रंग में रंगा है. बिहार में BJP और JDU का ऐसा जादू चला कि महागठबंधन हवा में उड़ गया.2020 के नक्शे में महागठबंधन का सबसे ज्यादा असर भोजपुर, मगध और कुछ सीमांचल में हरे रंग में नजर आ रहा है. 2025 में यह रंग उड़ गया. महागठबंधन के मजबूत किलों में ने NDA ने सेंध लगा दी है.  पूरा अपडेट

    बिहार में महागठबंधन का रंग उड़ गया

  9. ​​​​​​ तेजस्वी जीते, तेज प्रताप हारे: नई पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरे लालू प्रसाद यादव के बड़े तेज प्रताप यादव महुआ सीट से बुरी तरह हारे, जबकि छोटे बेटे तेजस्वी चुनाव जीत गए. राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और ‘इंडिया' गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी ने राघोपुर विधानसभा सीट अपने पास बनाए रखी.तेजस्वी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार सतीश कुमार को 14,532 मतों से पराजित किया.
    -निर्वाचन आयोग के मुताबिक यादव को कुल 1,18,597 वोट मिले, जबकि कुमार को 1,04,065 मत प्राप्त हुए. निर्दलीय उम्मीदवार बलिराम सिंह 3,086 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
    -तेजस्वी यादव पिछले 10 वर्षों से राघोपुर सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इससे पहले भी उन्होंने 2015 और 2020 दोनों विधानसभा चुनावों में सतीश कुमार को हराया था.  
  10. Advertisement
  11. NOTA कितनों ने दबाया: बिहार विधानसभा चुनाव में 'इनमें में से कोई नहीं' (नोटा) का बटन दबाने वालों की संख्या इस बार पिछली बार की तुलना में मामूली रूप से बढ़ी है, लेकिन फिर भी 2015 से काफी कम है. मतदान के दौरान कुल मतदाताओं में से 1.81 प्रतिशत यानी 6,65,870 ने नोटा का बटन दबाया. बिहार में 7.45 करोड़ से अधिक मतदाता हैं. साल 2020 में, लगभग 7,06,252 लोगों ने विधानसभा चुनाव में नोटा दबाया था, जो कुल डाले गए मतों का 1.68 प्रतिशत था. साल 2015 में नोटा दबाने वालों की संख्या 9.4 लाख थी, जो मतदान करने वाले कुल 3.8 करोड़ मतदाताओं का 2.48 प्रतिशत थी. 
  12. PK फैक्टर: बिहार में मुकाबला भले ही महागठबंधन और एनडीए के बीच है, लेकिन चुनाव में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी कोई बड़ा कमाल करते नहीं दिख रही है. वो सिर्फ 3 सीटों पर आगे दिख रही है. जनसुराज पार्टी ने किसी से भी गठबंधन न करते हुए सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, हालांकि कुछ सीटों पर उसके प्रत्याशियों ने मैदान छोड़ दिया था.
  13. Advertisement
  14. चिराग और नीतीश, चुनाव के दो सबसे बड़े जीतैया: बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की महाजीत के दो सबसे बड़े विनर हैं. पहले नीतीश कुमार और दूसरे चिराग पासवान. लोक जनशक्ति पार्टी (चिराग पासवान) गजब की बैटिंग करते हुए 29 में से 19 सीटें जीत रहे हैं. चिराग पासवान ने सीटों की सौदेबाजी करके 29 सीटें हासिल की थीं. नीतीश इसलिए भी इस चुनाव के बड़े विनर हैं क्योंकि JDU ही वह पार्टी है जिसे सबसे ज्यादा फायदा हुआ है. JDU 41 सीटों के फायदे के साथ 84 सीटों पर कब्जा करती दिख रही है.
Featured Video Of The Day
Security के लिए कैसे किले में तब्दील हुई Delhi?