BJP ने मांझी और कुशवाहा को देर रात कैसे किया सेट; कांग्रेस-वामदलों को RJD क्यों नहीं मना पा रही, जानिए

सीट बंटवारे के बाद तुरंत उम्मीदवारों की सूची जारी हो सकती है, जिससे प्रचार की तैयारियां शुरू हो जाएंगी. पहले चरण की 121 सीटों के लिए नामांकन और प्रचार अभियान को नई रफ़्तार मिल सकती है.

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  • बीजेपी ने जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी दूर करने के लिए देर रात तक बातचीत की
  • मांझी और कुशवाहा ने बीजेपी से मिले सीटों के प्रस्ताव पर असंतोष जताया और सार्वजनिक बयान भी दिया था
  • चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के साथ पहले ही सीटों के बंटवारे पर समझौता हो चुका है
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नई दिल्ली/पटना:

अपने रूठे सहयोगियों को मनाने के लिए बीजेपी को शनिवार आधी रात तक खासी मशक्कत करनी पड़ी है. कल जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी की ओर से उनको दिए जा रहे सीटों के ऑफर पर अपनी नाराजगी ज़ाहिर की थी. उसके बाद देर रात तक भाजपा नेताओं और दोनों सहयोगियों के बीच बातचीत का लंबा दौर चला और अब माना जा रहा है कि इन सहयोगियों के साथ बीजेपी की बात बन गई है. वहीं महागठबंधन में आज बात बनने की गुंजाइश है, लेकिन देर रात तक कोशिश के बाद भी पेंच फंसा हुआ है.

सम्राट चौधरी और ऋतुराज सिन्हा को मिला जिम्मा 

कल ये खबर आई कि जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा सीटों के बारे में दिए गए प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं हैं. इतना ही नहीं, दोनों नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर अपनी नाखुश जाहिर भी कर दी. फिर क्या था , उसके बाद बीजेपी ने तुरंत अपने नेताओं को डैमेज कंट्रोल पर लगा दिया. पार्टी ने चिराग पासवान की नाराजगी दूर करने का काम केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को सौंपा था. ठीक उसी तरह जीतन राम मांझी से बात करने का जिम्मा बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को, जबकि उपेंद्र कुशवाहा को मनाने का काम बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिंह को सौंपा गया. पहले जीतन राम मांझी ने और फिर उपेंद्र कुशवाहा ने भी अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ मुलाक़ात की और उसके बाद कई राउंड की बातचीत चलती रही. 

आज घोषणा होने की उम्मीद

अब जबकि एनडीए के भीतर सीटों के बंटवारे को लेकर बात बनती हुई दिख रही है तो आज ही बंटवारे का औपचारिक ऐलान भी होने की संभावना है.  सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आज दोपहर एनडीए के नेता दिल्ली में सीटों के बंटवारे को लेकर एक औपचारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं. समझा जा रहा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग पार्टियों को मिले सीटों की संख्या के बारे में ही जानकारी दी जाएगी. अलग-अलग सीटों और उसके उम्मीदवारों की जानकारी एक दो दिन बाद पटना में सभी दलों की ओर से साझा की जाएगी. 

मांझी की पार्टी के बयान से बीजेपी खुश नहीं 

उधर, मांझी की जेपी नड्डा और अन्य भाजपा नेताओं से मुलाकात के बाद मांझी की पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश पांडे ने एक बड़ा बयान दे दिया. पांडे ने एक तरह का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि राजनीति में कोई भी स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता है और उनकी पार्टी के लिए सारे विकल्प खुले हुए हैं. पार्टी का इशारा साफ था कि अगर एनडीए से उनकी बात नहीं बनती है तो फिर वो एनडीए को छोड़कर किसी और गठबंधन का दामन भी थाम सकते हैं. भाजपा सूत्रों के मताबिक मांझी की पार्टी का यह बयान ऐसे समय में दिया गया, जब भाजपा नेताओं के साथ बातचीत चल रही थी. एक भाजपा नेता ने एनडीटीवी से यहां तक कहा कि एक सांसद होने के बाद भी जीतन राम मांझी केंद्र में कैबिनेट मंत्री हैं और उनके बेटे भी बिहार में मंत्री हैं. भाजपा नेता ने पूछा कि ऐसा बयान देकर एनडीए गठबंधन का फ़ायदा कैसे हो सकता है. 

चिराग पासवान से पहले ही हो गई थी डील

एनडीए के दूसरे सहयोगी लोग जनशक्ति पार्टी रामविलास और उसके नेता चिराग पासवान से भाजपा नेताओं की बैठक के बाद सीटों पर पहले ही समझौता हो चुका है. समझौते के तहत चिराग पासवान की पार्टी को 26 सीटें देने पर सहमति बनी, जबकि पार्टी ने 40 सीटों की मांग की थी. हालांकि ऐसे भी संकेत मिले थे कि पासवान को एक दो और सीटें भी मिल सकती हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार और बिहार सरकार में पार्टी को उचित प्रतिनिधित्व दिए जाने पर भी बीजेपी ने मुहर लगा दी. चिराग पासवान ने यह भी मांग की थी कि सरकार बनने पर उनके बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट मिशन में शामिल मुद्दों को लागू किया जाए और इसे भी बीजेपी ने मान लिया. ये भी ख़बर आई कि चिराग पासवान को पिछले दो दिनों तक दी गई तरजीह के चलते भी जीतन राम मांझी थोड़े नाराज़ थे.

शनिवार को ही पटना में राबड़ी देवी के आवास पर राजद की कोर कमेटी की अहम बैठक हुई. बैठक में लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया. बैठक में सीट बंटवारे और टिकट वितरण पर गहराई से चर्चा हुई.यह बैठक संकेत देती है कि विपक्ष (महागठबंधन) अब अंततः अपनी रणनीति को केंद्रीकृत करना चाहता है, ताकि कल दिल्ली में निर्णायक प्रस्ताव लेकर जा सके.

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महागठबंधन की टेंशन

महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर अब भी पेच फंसा हुआ है. मुख्य दल राजद (RJD) अपनी दावेदारी ऊंची रखे हुए है. कुछ मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, फॉर्मूला लगभग तय है —

  • राजद को 134–135 सीटें
  • कांग्रेस को 54–55 सीटें
  • माले व वाम दलों को करीब 30 सीटें
  • VIP को करीब 18 सीट
  • JMM और RLJP को सीट 2-2 सीट मिल सकती हैं.

वाम दलों (CPI-ML, CPI) और कांग्रेस की मांगों में खींचतान जारी है. कांग्रेस अतिरिक्त 10 सीटों की मांग पर अड़ी है, जबकि CPI-ML ने तेजस्वी यादव के ऑफर को खारिज कर दिया है. यदि गठबंधन में कोई दल जैसे कांग्रेस या मुकेश सहनी अलग राह पकड़ते हैं, तो RJD 138 सीटों पर खुद चुनाव लड़ने की योजना पर विचार कर रही है. सूत्रों का कहना है कि मध्यरात्रि तक अधिकांश सीटों पर सहमति बन चुकी है, केवल सीमांचल की एक-दो सीटों पर अड़चन बनी हुई है.

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सुपर संडे का महत्व और संभावित परिणाम

1. रणनीति पर मुहर
रविवार को तय होगा कि एनडीए और महागठबंधन अपने फॉर्मूले को सार्वजनिक करेंगे कि किसे कितनी सीट मिलेगी और किन क्षेत्रों से उम्मीदवार उतारे जाएंगे.

2. आख़िरी दौर की राजनीतिक चाबियां
संडे की बैठक विशेष रूप से CEC बैठक में प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और अन्य वरिष्ठ नेता सीट बंटवारे और उम्मीदवारों की सूची पर अंतिम मुहर लगा सकते हैं. तेजस्वी यादव की राहुल गांधी से संभावित मुलाकात भी चर्चा में है, जो कांग्रेस-राजद रिश्तों को प्रभावित कर सकती है.

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3. मीडिया और जनमत की दिशा
सुपर संडे की घोषणाएं जनता और मीडिया के बीच यह संदेश भेजेंगी कि कौन तैयार है और कौन असमंजस में. इससे मनोवैज्ञानिक बढ़त या दबाव दोनों पक्षों में से किसी एक के पक्ष में जा सकता है.

4. गठबंधन की मजबूती या दरार
यदि बैठकों में किसी दल ने दूरी बना ली जैसे कांग्रेस, वाम दल या कोई अन्य तो गठबंधन की छवि कमजोर हो सकती है.

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5. अगले चरण की तैयारियां
सीट बंटवारे के बाद तुरंत उम्मीदवारों की सूची जारी हो सकती है, जिससे प्रचार की तैयारियां शुरू हो जाएंगी. पहले चरण की 121 सीटों के लिए नामांकन और प्रचार अभियान को नई रफ़्तार मिल सकती है.
 

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