राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) को अपीलेट ट्रिब्यूनल से मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ी राहत मिली है. ट्रिब्यूनल ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को प्रफुल्ल पटेल की जब्त संपत्ति को छोड़ने का आदेश दिया है. ईडी ने प्रफुल्ल पटेल के मुंबई स्थित सीजे हाउस में 12 वें और 15 वें फ्लोर के कुछ फ्लैट्स को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत अटैच किया था, जिसके बाद अब अपीलेट ट्रिब्यूनल ने उन्हें वापस लौटाने का आदेश दिया है.
प्रफुल्ल पटेल के इन फ्लैट्स की कीमत करीब 180 करोड़ रुपए है, जो उनकी पत्नी वर्षा और उनकी कंपनी मिलेनियम डेवलपर के नाम पर रजिस्टर थी. ईडी ने आरोप लगाया था कि ये संपत्तियां ड्रग माफिया इकबाल मिर्ची की विधवा से अवैध लेनदेन के जरिए हासिल की गई थीं.
ट्रिब्यूनल ने ईडी की कार्रवाई को बताया अवैध
अटैचमेंट ऑर्डर को खारिज करते समय अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कहा कि प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ ईडी की कार्रवाई अवैध थी, क्योंकि ये संपत्तियां मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल नहीं थीं और ना ही इकबाल मिर्ची से जुड़ी थीं. ट्रिब्यूनल ने अपने आदेश में कहा कि सीजे हाउस में हाजरा मेमन और उनके दो बेटों की 14,000 वर्ग फुट की संपत्ति अलग से कुर्क की गई थी, इसलिए प्रफुल्ल पटेल की अन्य 14,000 वर्ग फुट की संपत्ति को दोहरी कुर्की की आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि यह सीजे हाउस की आय का हिस्सा नहीं था.
अटैच करने का आदेश जारी करते वक्त ED ने कहा था ये
ईडी ने इन फ्लैट्स को अटैच करने का आदेश जारी करते वक्त कहा था कि प्रफुल्ल पटेल ने यह प्रॉपर्टी हाजरा मेमन से खरीदी है. मेमन और उनके दो बेटों को पहले ही भगोड़ा घोषित कर दिया गया है, इसलिए इन प्रॉपर्टीज को अटैच किया गया.
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