यूपी सरकार के फैसले से फ्लैट खरीददारों और बिल्डरों को मिली बड़ी राहत

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के फंसे प्रोजेक्ट और होम बायर्स की दिक्कतों को लेकर नीति आयोग के पूर्व सीईओ के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई थी, उत्तर प्रदेश सरकार ने उसकी सिफारिशों को मान लिया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
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  • बिल्डरों के चार साल के ब्याज को जीरो पीरियड मान लिया गया
  • फ्लैट्स खरीददारों की रजिस्ट्री होने का रास्ता साफ हो जाएगा
  • नोएडा, ग्रेटर नोएडा के करीब दो लाख फ्लैट खरीददारों को राहत
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नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश सरकार ने बिल्डरों और फ्लैट खरीददारों को बड़ी राहत देते हुए बिल्डरों के चार साल के ब्याज को जीरो पीरियड मान लिया है. इससे दो लाख फ्लैट खरीददारों की रजिस्ट्री होने और सालों से रुके काम शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है. 

यूपी सरकार की  कैबिनेट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा से जुड़े करीब दो लाख फ्लैट खरीददारों और बिल्डरों को बड़ी राहत दी है. हालांकि अभी तक इस कैबिनेट की बैठक का कोई आधिकारिक फैसला नहीं आया है लेकिन सूत्रों के मुताबिक नोएडा ग्रेटर नोएडा के फंसे प्रोजेक्ट और होम बायर्स की दिक्कत को लेकर नीति आयोग के पूर्व सीईओ के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई गई थी. सरकार ने इन सिफारिशों को मान लिया है. 

इसके मुताबिक, बिल्डर के दो साल के ब्याज को जीरो पीरियड मान लिया गया है. भारी भरकम ब्याज माफ होने से अब फ्लैट्स खरीददारों की रजिस्ट्री होने का रास्ता साफ होगा. साथ ही कर्ज तले डूबे बिल्डरों को अथॉरिटी की तरफ से राहत मिलने से रुके प्रोजेक्ट के काम दोबारा शुरू हो पाएंगे.

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अमिताभ कांत कमेटी के सदस्य अभिषेक कुमार ने कहा कि, अभी हमारे पास कोई सरकार की तरफ से पत्र नहीं आया है लेकिन जीरो पीरियड का ब्याज माफ करने से अब हम उम्मीद करते हैं कि बिल्डर रुके काम को चालू करवाएंगे और अथारिटी NOC देगी, ताकि रजिस्ट्री हो पाए.

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फ्लैट खरीददारों को सरकार के फैसले से कैसे मिलेगी राहत? 

ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीददारों को इस फैसले से कैसे राहत मिलेगी? यह जानने के लिए हम प्रेम कुमार और वरुण राय से मिले. प्रेम ने सुपरटेक में 2012 में और वरुण ने विक्टरी प्रोजेक्ट में फ्लैट लिए, लेकिन वे बिल्डर को पूरा पैसा चुकता करने के बावजूद बिना रजिस्ट्री करवाए तीन साल से रह रहे हैं.

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वरुण कुमार ने कहा कि, रजिस्ट्री न होने से पर्सनल लोन लेकर EMI चुका रहे हैं. साथ ही किसी भी तरह की सुविधा नहीं है. बिजली और पानी का नाम से कनेक्शन नहीं है. प्रापर्टी को बेच नहीं सकते हैं. प्रेम कुमार ने कहा कि, शायद अब राहत मिले. रजिस्ट्री अगर हो जाती है तो हम सरकारी बैंक में अपने लोन को ट्रांसफर कर सकते हैं. बिल्डर्स बचा काम अब जल्द पूरा करके पजेसन देंगे.

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क्या नोएडा और ग्रेटर नोएडा में प्रापर्टी के दाम में उछाल आएगा?

यूपी सरकार के इस फैसले से क्या नोएडा और ग्रेटर नोएडा की प्रापर्टी के दाम में भी उछाल आ सकता है? प्रापर्टी के कारोबार से जुड़े आशीष मिश्रा नोएडा के सेक्टर 150 की एक इमारत दिखाते हुए बताते हैं कि फिलहाल यहां रजिस्ट्री न होने से कई साल से यहां के दाम 13000 प्रति स्क्वेयर फीट है. रजिस्ट्री खुलने के बाद इसके दाम यहां 14 से 15 हजार रुपये प्रति स्क्वेयर फीट हो सकते हैं. यानी 10 से 15 फीसदी बढ़ने के आसार हैं.

श्री विनायक ग्रुप के सीएमडी अंकुर मित्तल ने कहा कि, बिल्डरों को इससे राहत मिलेगी क्योंकि किसान आंदोलन और कोरोनो के चलते काम बंद रहा है. ब्याज के तले दब गए थे. वे अब काम पूरा करेंगे.

जानकारों के मुताबिक नोएडा में कुल 118 प्रोजेक्ट हैं. इसमें एक लाख 69 हजार 250 यूनिट हैं. पूरे गौतमबुद्ध नगर में 400 प्रोजेक्ट अटके पड़े हैं और 26 हजार करोड़ की पूंजी फंसी है. अब उम्मीद जताई जा रही है कि इस फैसले से रियल स्टेट कारोबार की प्रगति होगी.

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