इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त को तलब करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. यूपी के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई में नहीं पेश होना होगा.
यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. दरअसल, अवमानना के एक मामले में मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त को तलब किया गया था. मामला खंड शिक्षाधिकारियों के वेतनमान से जुड़ा हुआ है. कोर्ट ने दो फरवरी 2018 के आदेश में वेतनमान को 7500 रुपये किए जाने का आदेश पारित किया था, लेकिन अब तक वेतनमान नहीं मिला है. इस पर खंड शिक्षाधिकारियों की आरे से अवमानना याचिका दाखिल की गई.
कोर्ट में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने पिछले महीने 10 जनवरी को हलफनामा दाखिल कर बताया था कि मामले में विशेष अपील दाखिल है. अपील पर सुनवाई के बाद तीन सप्ताह के भीतर कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया जाएगा. सुनवाई के दौरान प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा कोर्ट के समक्ष उपस्थित हुए. उनकी ओर से हलफनामा दाखिल कर बताया गया कि मामला अपर मुख्य सचिव वित्त के समक्ष लंबित है.
कोर्ट के आदेश के अनुपालन के लिए अतिरिक्त समय की मांग की. इस पर कोर्ट का कहना था कि इससे पूर्व की तारीख पर प्रमुख सचिव के हलफनामा के आधार पर सशर्त समय दिया गया था, लेकिन कोई अनुपालन नहीं हुआ. हालांकि कोर्ट ने इस मामले में अपने आदेश का अनुपालन न होने पर यूपी के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त को तलब किया.