वोडाफोन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, AGR पर विचार करने की इजाजत

सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन की याचिका पर विचार करने की केंद्र को अनुमति दे दी और कहा कि यह मुद्दा सरकार के नीतिगत अधिकार क्षेत्र में आता है.

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  • सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन कंपनी को 9450 करोड़ रुपये के एजीआर बकाए पर पुनर्विचार की अनुमति दी
  • CJI गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह मामला नीति क्षेत्र से जुड़ा है और केंद्र निर्णय ले सकता है
  • अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार ने वोडाफोन आइडिया में 49% हिस्सेदारी हासिल कर ली है और करीब 20 करोड़ ग्राहक हैं
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नई दिल्ली:

AGR मामले में सुप्रीम कोर्ट से टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 9,450 करोड़ रुपये के एजीआर बकाये पर राहत देने के मुद्दे पर पुनर्विचार की अनुमति दी है. मुख्य न्यायाधीश गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह मामला नीति क्षेत्र से जुड़ा है और केंद्र सरकार इस पर निर्णय ले सकती है. अदालत ने कहा कि वोडाफोन आइडिया की याचिका 2016-17 के लिए उठाए गए.

कोर्ट ने क्या कुछ कहा

अतिरिक्त एजीआर मांग को रद्द करने और सभी बकाये का पुनर्मूल्यांकन करने के निर्देशों के लिए दायर की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए दिया कि केंद्र सरकार ने कंपनी में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है और कंपनी के लगभग 20 करोड़ ग्राहक हैं. अदालत ने कहा कि इन परिस्थितियों में यदि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहती है, तो उसे रोका नहीं जा सकता.

सरकार का कंपनी में इक्विटी निवेश

सीजेआई ने कहा कि यह आदेश केवल इस मामले की विशिष्ट परिस्थितियों में दिया गया है, क्योंकि सरकार ने कंपनी में इक्विटी निवेश किया है और यह कदम 20 करोड़ ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है. वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 9,450 करोड़ रुपये की नई एजीआर मांग को चुनौती दी थी. कंपनी का कहना था कि इस मांग का बड़ा हिस्सा 2016-17 से पहले की अवधि से जुड़ा है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में पहले ही निपटा दिया था.

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