उपचुनावों में नेशनल कॉन्फ्रें को बड़ा झटका! बडगाम में पीडीपी की जीत, नगरोटा में भाजपा की देवयानी राणा का दबदबा

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दो सीटें जीतने के बाद गंदरबल सीट चुनी, जिसके चलते बडगाम खाली हुई. वहीं नगरोटा में भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद उपचुनाव कराया गया. 

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बिहार विधानसभा के नतीजों के साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा उपचुनावों के परिणाम आज घोषित हुए. बडगाम में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने बढ़त बनाई, जबकि नगरोटा में भाजपा ने भारी अंतर से विजय दर्ज की.कश्मीर के बडगाम में आंतरिक कलह से कमजोर पड़ी नेकां (नेशनल कॉन्फ्रेंस), पीडीपी उम्मीदवार की स्पष्ट जीत मिली है. बडगाम में पीडीपी उम्मीदवार आगा सैयद मुंतजिर मेहदी ने नेकां के आगा सैयद महमूद को 4,186 से अधिक मतों से पराजित किया. 17 उम्मीदवारों के साथ यह क्षेत्र इस बार सबसे प्रतिस्पर्धी विधानसभा सीटों में से एक रहा. मुंतजिर मेहदी ने कहा कि मतदाताओं ने “जवाबदेही और बदलाव” के पक्ष में मतदान किया है. उन्होंने दावा किया कि पिछले एक वर्ष से उपेक्षित बडगाम को अब विधानसभा में सशक्त प्रतिनिधित्व मिलेगा.

इस सीट पर नेकां की स्थिति उसके आंतरिक मतभेदों के कारण कमजोर हुई. वरिष्ठ शिया नेता, तीन बार विधायक और मौजूदा श्रीनगर सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने आरक्षण उपसमिति की रिपोर्ट लागू करने में देरी,स्मार्ट मीटरों के मुद्दे और राज्य के दर्जे व अनुच्छेद 370 पर पार्टी की कथित नरमी का हवाला देते हुए प्रचार अभियान से खुद को अलग कर लिया. उन्होंने यहां तक अनुरोध किया कि उनके नाम और तस्वीर का चुनाव प्रचार में इस्तेमाल न किया जाए. इसका खामियाजा भी नेशनल कॉफ्रेस को उप चुनाव में भुगतान पड़ा. इन नतीजों के बाद पीडीपी समर्थकों ने बडगाम में जश्न मनाया. 

वहीं, जम्मू के नगरोटा में भाजपा की ऐतिहासिक जीत हुई. देवयानी राणा ने अपने पिता की विरासत संभाल ली हैं. नगरोटा में भाजपा उम्मीदवार देवयानी राणा ने जेकेएनपीपी नेता हर्ष देव सिंह को 21,000 से अधिक मतों से हराया. तीसरे स्थान पर रही नेकां की शमीम बेगम को लगभग 10,000 वोट मिले. नेकां को यहां भी अपने चुनावी सहयोगी कांग्रेस से उम्मीद के मुताबिक समर्थन नही मिलां जिससे वह तीसरे नंबर पर खिसक गईं. 

यह सीट केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के भाई देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद खाली हुई थी. देवयानी पिछले साल ही भाजपा में शामिल हुई. इस जीत ने  भाजपा की जम्मू क्षेत्र में मजबूत पकड़ का संकेत मानी जा रही है. स्थानीय लोग इसे देवयानी द्वारा “अपने पिता की बोई फसल काटने” के रूप में भी देख रहे हैं.

उपचुनाव क्यों हुए?

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दो सीटें जीतने के बाद गंदरबल सीट चुनी, जिसके चलते बडगाम खाली हुई. वहीं नगरोटा में भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के बाद उपचुनाव कराया गया. 

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