पश्चिमी उत्तर पदेश के कांग्रेस के कद्दावर नेता इमरान मसूद ने ्सोमवार को समाजवादी पार्टी में शामिल होने का ऐलान कर दिया. उनके साथ वहां के कांग्रेस के विधायक मसूद अख़्तर भी सपा में शामिल होंगे. कांग्रेस ने इसे इमरान मसूद की ऐहसान फरामोशी बताया है. दरअसल, इमरान मसूद ने सहारनपुर में एक बड़ी सभा कर जनता से समाजवादी पार्टी में शामिल होने की राय ली. इमरान सहारनपुर के कांग्रेस के बड़े नेता रशीद मसूद के भतीजे हैं, जो 9 बार सांसद रहे हैं.
इमरान मसूद के घर उनके इलाक़े की आवाम का हुजूम था. इमरान उनसे समाजवादी पार्टी में जाने के अपने फ़ैसले पर हामी भरवाना चाहते थे और उन्होने यही किया. इस दौरान उन्होंने कहा, भाइयों हमें अखिलेश जी से मिलने जाना है, समाजवादी पार्टी में शामूलियत के लिए. क्या आप लोग मेरी बात से सहमत हैं? इस ज़िले की सातों विधानसभा पर हम लोगों को जिताकर भेजना है. इमरान मसूद के जाने का मकसद इमरान मसूद नहीं, यह तमाम हैं.
मसूद के इस ऐलान के बाद वहां मौजूद भीड़ ने उन्हें कंधों पे उठा कर उनका जुलूस निकाला. उनके साथ सहारनपुर देहर सीट से कांग्रेस के विधायक मसूद अख़्तर ने भी समाजवादी पार्टी में जाने का ऐलन किया. उन्होंने कहा कि इस फिरकपरस्त पार्टी को भारतीय जनता पार्टी की सत्ता को दूर करने के लिए यहां एक गठजोड़ की ज़रूरत है. यही इमरान भाई बहुत दिन से कहते आ रहे हैं. लेकिन वो चीज़ चली नहीं इसलिए जनता यह चाहती है और जनता की यह राय है कि भारितीय जनता पार्टी को अगर शिकस्त दे सकती है तो वो समाजवादी पार्टी ही दे सकती है. हम लोग जनता के साथ हैं. जनता का जो फ़ैसला है, वा हमारा फ़ैसला है.
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बता दें कि इमरान मसूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े नेता रशीद मसूद के भतीजे हैं. रशीद मसूद 9 बार सांसद रहे हैं. इमरान मसूद 2007 में आज़ाद उम्मीदवार की हैसियत से विधायक बने. 2014 में वे कांग्रेस के टिकट से लोकसभा का चुनाव लड़े और 4 लाख से ज़्यादा वोट हासिल किए, लेकिन कांग्रेस कहती है कि उनका पार्टी छोड़कर जाना ऐहसान फरमोशी है.
सहारनपुर से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष चौधरी मुजफ्फर अली ने कहा कि इससे कांग्रेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा. पार्टी संगठन यहां मजबूत है. पूरे प्रदेश में कांग्रेस मजबूत है. अगर हम कांग्रेस पार्टी छोड़ते हैं तो मैं यह कहूँगा कि यह एहसान फरमोशी होगी.
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