NCP प्रमुख शरद पवार को एक और बड़ा झटका लगता दिख रहा है. दरअसल, नागालैंड में पार्टी के सभी सात विधायक अजित पवार को समर्थन देने को तैयार हैं. इन सभी सात विधायकों ने गुरुवार को कहा कि नागालैंड के पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि वो अजित पवार को अपना समर्थन दें.
बता दें कि जुलाई के शुरू में अजित पवार ने पार्टी के आठ विधायकों के साथ महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन में शामिल होने का ऐलान कर दिया था. अजित पवार के इस फैसले के बाद एनसीपी दो खेमों में बंट गई . एक खेमा वो जो एनसीपी के संस्थापक शरद पवार के साथ है और दूसरे वो जो अजित पवार को अपना समर्थन दे रहे हैं.
राजनीति के जानकार अजित पवार के इस कदम को भविष्य को देखते हुए लिया गया फैसला भी मान रहे हैं. उनका मानना है कि जिस तरह से एकनाश शिंद ने महाराष्ट्र में उद्ध ठाकरे के सीएम रहते ही शिवसेना को दो खेमो में बांट दिया और बाद में खुद राज्य के सीएम बन गए और शिवसेना पर अपना नियंत्रण भी कर लिया, वैसे ही अजित पवार भी पार्टी पर अपना नियंत्रण चाह रहे हैं.
2019 में, शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन खत्म कर दिया था और कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी सरकार बनाई थी. पिछले साल एकनाथ शिंदे द्वारा पार्टी तोड़ने और नई सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाने के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई थी. और बाद में एकनाश शिंदे ने राज्य के सीएम के तौर पर शपथ ली थी.
अपने नेतृत्व को "असली एनसीपी" बताते हुए अजित पवार ने प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल जैसे वरिष्ठ पार्टी नेताओं का समर्थन हासिल किया है.