महादेव ऐप मामले के पूरक आरोप पत्र में मेरे नाम का उल्लेख ‘राजनीतिक साजिश’ : भूपेश बघेल

भूपेश बघेल ने लिखा कि महादेव ऐप के घोटाले की जांच मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी. मैं चाहता था कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे इस अपराध पर रोक लगे.

Advertisement
Read Time: 27 mins
रायपुर:

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने शनिवार को महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दाखिल पूरक आरोप पत्र में उनके नाम के उल्लेख को 'राजनीतिक साजिश' करार दिया. उन्होंने साथ ही जांच एजेंसी पर अपने 'राजनीतिक आकाओं' के इशारे पर कार्य करने का आरोप लगाया. ईडी ने एक जनवरी को रायपुर में धन शोधन मामले की विशेष अदालत में दायर अपनी दूसरी अभियोजन शिकायत (आरोप पत्र) में कहा कि महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में एक कथित कूरियर असीम दास को गिरफ्तार किया गया था, जिसने दावा किया था कि उसे बघेल को नकदी 'डिलीवर' करने के लिए भेजा गया था. आरोप पत्र के मुताबिक दास ने कहा है कि वह अपने बयान पर कायम है.

चार्जशीट में मेरा नाम षड्यंत्र का हिस्सा: बघेल

बघेल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर शनिवार को जारी पोस्ट में कहा, ‘‘ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जिस तरह से मेरा नाम लिखा है, वह पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है. ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कूटरचना कर लोगों को गिरफ्तार कर रही है और उनसे दबाव पूर्वक मेरे और मेरे सहयोगियों के खिलाफ बयान दिलवा रही है. इन बयानों में जो पैसों के लेनदेन के आरोप लगाए गए हैं उनका कोई आधार नहीं है.''

बघेल ने कहा, ‘‘जिस असीम दास के पास से रुपये बरामद हुए थे उसने जेल से अपने हस्तलिखित बयान में कह दिया है कि उन्हें भी धोखे में रखकर फंसाया गया है और उन्होंने कभी किसी राजनेता व उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया. अब ईडी दावा कर रही है कि उसने यह बयान भी वापस ले लिया है. यह किस दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं.''

पूरी घटना पूर्व नियोजित थी: पूर्व मुख्यमंत्री

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अब सवाल यह है कि ईडी ने जिस दिन कथित रूप से असीम दास से रुपये बरामद किए थे उस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है. इसका मतलब है कि पूरी घटना पूर्व नियोजित थी और इसका मतलब यही है कि इसकी कूटरचना ईडी ने ही की थी. ईडी ने दावा किया है कि चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपना पहले का बयान वापस ले लिया है. हम तो शुरुआत से कह रहे हैं कि ईडी मारपीट से लेकर धमकी देने तक हर हथकंडे अपनाकर मेरा व मेरे सहयोगियों का नाम लेने का दबाव बना रही है. ईडी के नए दस्तावेज से यह और स्पष्ट हो गया है.''

Advertisement

"जांच का आदेश मैंने ही दिया था"

बघेल ने लिखा, ‘‘महादेव ऐप के घोटाले की जांच मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी. मैं चाहता था कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे इस अपराध पर रोक लगे. छत्तीसगढ़ सरकार की इस जांच के आधार पर ही ईडी धन-शोधन का मामला बनाकर जांच कर रही है लेकिन दुर्भाग्य है कि ईडी ने जांच को अपराध की बजाय राजनीतिक दबाव व बदनामी का हथियार बना लिया है.'' उन्होंने लिखा है, ‘‘महादेव ऐप के पूरे मामले को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया गया है उससे साफ है कि इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर भाजपा को फायदा पहुंचाने का ही रह गया है.''

Advertisement

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले असीम दास की हुई थी गिरफ्तारी

ईडी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले पिछले नवंबर में रायपुर के एक होटल से कूरियर असीम दास को गिरफ्तार किया था. इसमें दावा किया गया था, ''दास ने स्वीकार किया कि जब्त की गई धनराशि (5.39 करोड़ रुपये नकद) को महादेव ऐप के प्रवर्तकों द्वारा छत्तीसगढ़ के आगामी चुनाव में खर्च करने के लिए एक राजनेता 'बघेल' तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई थी.'' पिछले साल के अंत में अदालत में पेशी के दौरान दास ने कहा था कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया गया था और उन्होंने कभी किसी को नकदी नहीं दी थी.

Advertisement

ईडी ने अब अपने दूसरे आरोप पत्र में सूचित किया है कि दास ने पिछले साल 12 दिसंबर को एक नया बयान दर्ज किया था जिसमें वह 'अपने (दास के) साथ आए किसी व्यक्ति के प्रभाव में अपने तीन नवंबर के बयान से पीछे हट गए थे.'' दास ने अब ईडी को बताया है कि ‘‘उस व्यक्ति ने उसे एक टाइप किया हुआ दस्तावेज़ दिया और इसे अपनी लिखावट में दोबारा लिखने के लिए कहा.''

Advertisement
ईडी ने बताया कि दास ने कहा है कि पिछले साल तीन नवंबर को एजेंसी को दिया गया उसका पहला बयान 'सच्चा और सही' था, जिसमें उसने ‘बघेल' का नाम लिया था.

अपने नवंबर के बयान में दास ने ईडी को बताया था कि महादेव ऐप के प्रवर्तक शुभम सोनी ने उसे अक्टूबर 2023 में दुबई बुलाया था और कहा था कि उसे ‘‘नकदी प्रदान की जाएगी जिसे भूपेश बघेल को दिया जाना था.'' रायपुर की अदालत द्वारा दूसरे आरोप पत्र पर 10 जनवरी को संज्ञान लिए जाने की उम्मीद है. पिछले साल दाखिल पहले आरोप पत्र में ईडी ने कथित अवैध सट्टेबाजी और गेमिंग ऐप के दो मुख्य प्रवर्तकों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल सहित अन्य को नामित किया था.

ये भी पढ़ें-:

Featured Video Of The Day
Breaking News: Delhi के Naraina Car Showroom Firing Case में बड़ा खुलासा, Bhau Gang का नाम आया सामने
Topics mentioned in this article