केंद्र के NPA राशि नहीं देने के बावजूद भूपेश बघेल कैबिनेट ने पुरानी पेंशन योजना पर लगाई मुहर

कैबिनेट बैठक में स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए विशेष योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया. इस योजना में कुल 780 करोड़ रूपये स्कूलों की मरम्मत में खर्च किए जाएंगे.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins

बघेल सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का फैसला किया है.

रायपुर:

छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल कैबिनेट की शुक्रवार को हुई 51वीं बैठक में ओल्ड पेंशन स्कीम को केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस की राशि नहीं देने के बावजूद लागू करने के फैसले के साथ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत शासकीय सेवकों को एक अप्रैल 2022 से ही छत्तीसगढ़ सामान्य भविष्य निधि का सदस्य माना जाएगा और एक नंवबर 2004 या उसके बाद नियुक्त तिथि से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते में जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश शासकीय कर्मचारी को एनपीएस नियमों के तहत देय होगा.

कर्मचारियों को राज्य शासन के अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश जमा करने पर ही पुरानी पेंशन की पात्रता होगी. इसके लिए शासकीय सेवकों को एनपीएस अंतर्गत पूर्ववत बने रहने या पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने का विकल्प नोटराईज्ड शपथ पत्र में देना होगा. यह विकल्प अंतिम और अपरिवर्तनीय होगा.

शासकीय सेवक द्वारा पुरानी पेंशन योजना के विकल्प लेने पर एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते में शासन द्वारा जमा किए गए अंशदान और उस पर मिले लाभांश को शासन के खाते में जमा करना होगा. एक अप्रैल 2022 और उसके बाद नियुक्त होने वाले राज्य के शासकीय सेवक अनिवार्य रूप से पुरानी पेंशन योजना के सदस्य होंगे.

इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए विशेष योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया. इस योजना में कुल 780 करोड़ रूपये स्कूलों की मरम्मत में खर्च किए जाएंगे.

इसके अलावा वाणिज्यिक वृक्षारोपण से पर्यावरण सुधार और किसानों की आय में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना प्रारंभ करने का फैसला लिया गया. इस योजना के तहत राज्य में हर साल 36 हजार एकड़ के मान से 5 साल में एक लाख 80 हजार एकड़ में क्लोनल नीलगिरी, टिशु कल्चर सागौन एवं बांस, मिलिया डुबिया सहित अन्य आर्थिक लाभकारी प्रजातियों के 15 करोड़ पौधों का रोपण का लक्ष्य रखा गया है. इस योजना का लाभ सभी वर्ग के इच्छुक भूमि स्वामी सहित शासकीय, अर्ध शासकीय, शासन की स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं पंचायतें और लीज लेंड होल्डर जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते है, ले सकेंगे.

छत्तीसगढ़ जुआ (प्रतिषेध) विधेयक-2022 के प्रारूप का भी अनुमोदन किया गया. राज्य के सभी जिले में राज्य योजना के राशनकार्डधारियों (एपीएल को छोड़कर) को फोर्टिफाईड चावल वितरण करने का निर्णय लिया गया. इससे 26.42 करोड़ रूपये की राशि व्यय होगी.

Advertisement

वहीं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत जारी राशनकार्डों में जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण के समान ही छत्तीसगढ़ खाद्य एवं पोषण सुरक्षा अधिनियम 2012 के अंतर्गत जारी अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डो में निःशुल्क खाद्यान्न वितरण करने का फैसला लिया गया.
 

Topics mentioned in this article