केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव ने विश्व बालश्रम विरोधी दिवस की पूर्व संध्या पर कभी बाल मजदूर रह चुके यूथ लीडर्स को सम्मानित किया. कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की तरफ से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भूपेन्द्र यादव ने कहा कि समाज में बदलाव लाने के लिए इन बच्चों द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अभिभूत हैं और सरकार की तरफ से बच्चों के ऐसे प्रयासों की हरसंभव मदद की जाएगी. मंत्री ने कहा कि उन्होंने आगे कहा कि वह हाल ही में झारखंड के दौरे पर थे और जमीनी हकीकत से वाकिफ हैं. उन्होंने कहा कि ये आज के यूथ लीडर्स हैं और इनके प्रयास प्रशंसनीय हैं.
गौरतलब है कि साल 2005 से कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन उन 501 गांव में काम कर रही है जहां के बच्चे माइका माइन के जाल में फंसे हुए हैं. साल 2016 में फाउंडेशन ने अपने ‘बाल मित्र ग्राम' के जरिए माइका माइन वाले इलाकों में एक बड़ा अभियान चलाया था. इसके तहत बच्चों को माइन से निकालकर स्कूल में दाखिला करवाया गया था. कार्यक्रम में अलग-अलग राज्यों के यूथ लीडर्स को सम्मानित किया गया.
राजस्थान के तीन यूथ लीडर्स तारा बंजारा, अमर लाल और राजेश जाटव की भी केंद्रीय मंत्री ने सराहना की। यह तीनों हाल ही में दक्षिण अफ्रीका की राजधानी डरबन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के पांचवें अधिवेशन में भाग लेकर लौटे हैं.झारखंड के कोडरमा जिले के गांव ढाभ की रहने वाली निकिता भी कभी आठ साल की उम्र में माइका माइन में पत्थर काटने (स्टोन कटिंग) का काम करती थी साल 2012 के आसपास उन्हें संगठन की तरफ से स्कूल भेजा गया और उनकी जिंदगी बदलने लगी.
केंद्रीय मंत्री ने कोडरमा की मधुबन पंचायत से आने वाली 16 साल की राधा पांडे को भी सराहा. राधा ने परिवार व समाज के विरुद्ध जाकर अपना बाल विवाह रुकवाया था. अब राधा बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक कर रही हैं. उसके प्रयासों को देखते हुए झारखंड सरकार ने उस बाल विवाह के खिलाफ अपनी मुहिम में जिले का ब्रांड एम्बेस्डर बनाया है.
ये भी पढ़ें-
- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर
- Watch: प्रयागराज हिंसा के आरोपी जावेद अहमद के घर पर चला बुलडोजर, अवैध निर्माण को लेकर कार्रवाई
- "क्या आप सिनेमा हॉल में हैं?": पटना हाई कोर्ट के जज ने 'ड्रेस कोड' पर IAS को फटकारते हुए पूछा
Video : रांची हिंसा को स्थानीय लोगों ने बताया काला धब्बा, कहा- बाहर से आए थे लोग