- खेसारी लाल यादव पर राजनीतिक और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के कई नेताओं द्वारा आलोचना और बयानबाजी हो रही है.
- खेसारी लाल यादव ने कहा कि उनके लिए पार्टी और कार्य प्राथमिक हैं, रिश्तों को वे कमजोर नहीं समझते हैं.
- उन्होंने अपमानजनक शब्दों से बचने और चुनाव जीतने के लिए सम्मानजनक व्यवहार बनाए रखने की सलाह दी है.
भोजपुरी सिनेमा में पांच सुपरस्टार हैं. मनोज तिवारी, निरहुआ, रविकिशन, पवन सिंह और खेसारी लाल यादव. इनका स्टारडम ऐसा है कि उतना कई बॉलीवुड के स्टार्स का भी नहीं है. यही कारण है कि इन सभी की एंट्री पॉलिटिक्स में हो गई. मनोज तिवारी, निरहुआ, रविकिशन और पवन सिंह फिलहाल बीजेपी में हैं. वहीं खेसारी लाल यादव ने अलग राह चुन ली. वो आरजेडी से बिहार विधानसभा चुनाव में उतर गए हैं. खेसारी छपरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन वो विवाद में घिर गए हैं. उन पर चौतरफा हमले हो रहे हैं. बीजेपी-जेडीयू नेताओं के साथ ही भोजपुरी सिनेमा के स्टार्स भी उन पर बयानबाजी कर रहे हैं. ऐसे में खेसारी लाल यादव ने अब अपनी चुप्पी तोड़ी है.
खेसारी लाल का बदला अंदाज
रविकिशन, निरहुआ और मनोज तिवारी के जरिए भाषणों में अपने लिए हो रही टिका-टिप्पणी और बयानों पर खेसारी लाल यादव ने कहा कि उनके लिए पार्टी का बंधन मायने रखता है, रिश्ते मायने नहीं रखते. मेरे लिए रिश्ते मायने रखते हैं. मैंने तो मनोज भैय्या का भी प्रचार किया है. बीजेपी का भी प्रचार किया है. विनय बिहारी भैय्या का प्रचार किया है. हमेशा से बड़े भाइयों का सम्मान मैंने किया है और मेरे लिए आजीवन ये बड़े भाई हैं. ये चुनाव आज है, फिर 5 साल बाद आएगा, लेकिन रिश्तों को मैं इतना कमजोर नहीं करता. उन्होंने इंडस्ट्री को बहुत कुछ दिया है. आज मैं इंडस्ट्री से अलग हटकर कुछ कर रहा हूं तो उनका दुश्मन बना हुआ हूं. पर कोई बात नहीं. उनका छोटा भाई हूं. हो सकता है मेरी जुबान से कुछ गलत निकल गया हो, उसके लिए वो नाराज हैं. बोल रहे हैं तो बोलने दीजिए, इतने दिन से आशीर्वाद मिल रहा है. तो उनके दो शब्द मुझे छोटा नहीं बना देंगे.
कंट्रोल रखने की दी सलाह
सम्राट चौधरी की तरफ से उन्हें नचनिया कहे जाने पर बोले कि जो मेहनत किया है उसके लिए कोई शब्द मायने नहीं रखते. कोई नचनिया बोलता है तो कोई बात नहीं, वो भी बड़े भाई हैं और उनका सम्मान है. मिलेंगे तो हमेशा से उनको प्यार किया है. व्यक्ति विशेष मेरा दुश्मन नहीं रहा है और ना ही मैं व्यक्ति विशेष को जवाब देता हूं. मैं उनकी विचारधारा और उनके शब्दों को जवाब दे सकता हूं. देखा जाए तो वो मुझसे बड़े हैं. उतना हक है उनको मुझे बोलने का. चुनाव जीतने के लिए किसी को अपमानित करना सही नहीं है. अपने शब्दों पर हर इंसान को कंट्रोल करना ही चाहिए. चाहे मैं हूं या कोई और. समाज में आपको अगर लोग मानते हैं तो हमारी कोशिश है कि आने वाली पीढ़ी ऐसे शब्दों का उच्चारण न करे.














