‘भीम आर्मी' के हजारों समर्थकों ने संगठन के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर हाल में हुए हमले के विरोध में शुक्रवार को यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और अपने नेता के लिए जेड-प्लस सुरक्षा की मांग की. भीम आर्मी के सह-संस्थापक एवं आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर को 28 जून को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी. एक गोली दलित नेता को छूकर निकल गई थी और उन्हें कोई गंभीर चोट नहीं आई थी.
उत्तर प्रदेश में नवगठित पार्टी के दोनों सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी के नेता और समर्थक भी विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए.
कई दलित समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए और विरोध स्थल पर बीआर आंबेडकर के सम्मान में ‘जय भीम' के नारे लगाए गए. सपा और रालोद के समर्थकों ने अपनी पहचान वाली लाल और हरी टोपी पहन रखी थी, जबकि भीम आर्मी के समर्थकों ने नीली टोपी पहन रखी थी.
सहारनपुर से आए भीम आर्मी के समर्थक अनुज कुमार ने कहा कि अगर सरकार ने चंद्रशेखर को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई तो व्यापक विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा.
राजस्थान से आए एक अन्य समर्थक विष्णु ने कहा कि चंद्रशेखर पर हमले की सीबीआई जांच होनी चाहिए.
आजाद समाज पार्टी ने एक बयान में कहा कि हमला किसी एक व्यक्ति पर नहीं बल्कि पूरे बहुजन समुदाय पर था.
इसमें कहा गया, ‘‘यह एक व्यापक परिदृश्य का हिस्सा है जहां विपक्ष देश में ईडी, और सीबीआई जैसी सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग या इस तरह के हिंसक तरीकों से लगातार खतरे में है.''
बयान में कहा गया, ‘‘चंद्रशेखर आजाद गंभीर खतरे में हैं और इस सबूत के साथ केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार से बार-बार अपील करने के बावजूद अधिकारियों ने उन्हें आवश्यक सुरक्षा देने से इनकार कर दिया.''
पार्टी ने चंद्रशेखर को लगातार धमकियां मिलने का दावा करते हुए उन्हें जेड प्लस सुरक्षा देने की मांग की है.
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