राजस्थान के भीलवाड़ा में नाबालिग के साथ दो लड़को ने गैंगरेप कर कोयले की भट्टी में जिंदा फैकने के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 2 आरोपी को दोषी करार दिया है और 7 आरोपियों को बरी कर दिया है. फिलहाल इस मामले में आरोपियों को कितनी सजा होगी, इसपर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया गया है.
पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई के दौरान नाबालिग के साथ हुए इस बर्बरतापूर्ण अपराध को जघन्यतम अपराधों की श्रेणी में माना गया था. पुलिस ने इस मामले की चार्जशीट 30 दिन के अंदर कोर्ट में पेश की थी, जो की 473 पेज की है.
क्या है पूरा मामला?
यह घटना 2 अगस्त को भीलवाड़ा के कोटड़ी के शाहपुरा इलाके में घटी थी, जिसमें एक नाबालिग के साथ कालबेलिया जाति के दो लड़के कालू और कान्हा ने उसके साथ दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद बच्ची के सर पर लाठी मारकर उसे बेहोश करने के बाद जिंदा कोयले की भट्टी में झोंक दिया था. भट्टी के पास लड़की के कपड़े , चप्पल और कड़े पाए गए. साथ ही भट्टी में झांकर देखा तो उसमें से कुछ हड्डियां भी मिली थी.
इस मामले की जांच भीलवाड़ा के एसपी श्याम सुंदर बिश्नोई ने की थी और केस की माॉनीरिटरिंग एडीजी क्राइम दिनेश एमएन और अजमेर रेंज आईजी लता मनोज ने की थी. उन्होंने इस केस में मुख्य आरोपी कान्हा, कालू समेत 9 लोगों को आरोपी था.
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