केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर के किसानों ने आज 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. बंद का असर सुबह 6 बजे से दिखने लगेगा और यह शाम 4 बजे तक जारी रहेगा. किसानों के राष्ट्रव्यापी बंद को कई गैर-राजग दलों ने समर्थन दिया है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, तेलुगु देशम पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, वाम दलों और स्वराज इंडिया बंद के समर्थन में हैं. कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस व पार्टी कार्यकर्ता शांतिपूर्ण 'भारत बंद' का समर्थन करेंगे.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम अपने किसानों के अधिकार में विश्वास रखते हैं और काले कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी लड़ाई में साथ खड़े रहेंगे.'' उन्होंने कहा, ‘‘सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों, संगठन प्रमुखों से अनुरोध है कि वे देशभर में शांतिपूर्ण भारत बंद में हमारे अन्नदाता के साथ आएं.''
अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा सरकार के काले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलित किसानों के द्वारा कल बुलाए गए 'भारत बंद' का समाजवादी पार्टी पूर्ण समर्थन करती है. किसान विरोधी काले कानूनों को वापस ले सरकार.
संयुक्त किसान मोर्चा ने बंद के दौरान शांति बनाए रखने की अपील की है. इसके साथ ही इस बंद में सभी भारतीयों से शामिल होने का आग्रह किया गया है. 40 से अधिक किसान संगठनों के निकाय एसकेएम ने एक बयान में कहा, ‘‘पिछले साल 27 सितंबर, 2020 को राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने तीन किसान विरोधी काले कानूनों को मंजूरी दी थी और उन्हें लागू किया था. कल सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक देशभर में पूरी तरह से बंद रहेगा.''
इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैट ने पानीपत में किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार को तीन कृषि कानूनों को जल्द से जल्द निरस्त करना चाहिए. यदि नहीं, तो संयुक्त किसान मोर्चा देश के हर हिस्से में जाएगा, केंद्र सरकार के खिलाफ बैठकें और विरोध प्रदर्शन करेगा और चुनावी राज्यों में अभियान चलाएगा.