बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ मामले में अधिकारियों पर लगातार गाज गिर रही है. बेंगलुरु पुलिस आयुक्त और पुलिस महकमे के कुछ अन्य आला अधिकारियों के निलंबन के बाद कर्नाटक सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव के गोविंदराजू को हटा दिया है. साथ ही इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट के प्रमुख हेमंत निंबालकर का तबादला कर दिया है.
बेंगलुरु में बुधवार को मची भगदड़ में 14 साल की एक लड़की सहित 11 लोगों की मौत हो गई और 47 लोग घायल हो गए थे. यह घटना उस समय हुई जब लाखों प्रशंसक इंडियन प्रीमियर लीग जीतने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलरु के खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिए एकत्र हुए थे. आरसीबी की टीम और उसके प्रशंसकों ने इस पल के लिए 18 साल तक इंतजार किया था. हालांकि यह जश्न उस वक्त मातम में बदल गया जब चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई और कथित तौर पर मुफ्त प्रवेश की अफवाह के कारण भगदड़ मच गई.
पुलिस अधिकारियों पर गिरी गाज
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को बेंगलुरू के पुलिस कमिश्नर बी दयानंद, असिस्टेंट कमिश्नर सी बालकृष्ण, डीसीपी (सेंट्रल डिविजन) शेखर एच टेक्कन्नावर, एसीपी विकास कुमार विकास और कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के सर्किल पुलिस इंस्पेक्टर ए के गिरीश को तुरंत निलंबित करने की घोषणा की थी. निलंबन आदेश में कहा गया था, "यह पाया गया है कि इन अधिकारियों ने कर्तव्य के प्रति काफी लापरवाही बरती है."
विपक्षी भाजपा और जेडीएस ने निलंबन के बाद मुख्यमंत्री पर राज्य सरकार से जिम्मेदारी हटाने के लिए पुलिस अधिकारियों को बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाया. हालांकि सिद्धारमैया ने आरोपों को खारिज कर दिया और विपक्ष पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया.
जिम्मेदारी नहीं निभाने वालों का निलंबन: सिद्धारमैया
समाचार एजेंसी पीटीआई ने शुक्रवार को सिद्धारमैया के हवाले से कहा, "वे राजनीति के लिए बोल रहे हैं. मैं इस मामले में राजनीति नहीं करना चाहता. प्रथम दृष्टया अपनी जिम्मेदार जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाने वाले जिम्मेदार लोगों को निलंबित कर दिया गया है."
इसके बाद सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव के गोविंदराजू और राज्य खुफिया विभाग के प्रमुख हेमंत निंबालकर को निलंबित कर दिया गया.