कूड़ा बीनने वाले को प्लास्टिक बैग में मिले 30 लाख US डॉलर और UN का लेटर हेड, पुलिस को स्कैम का शक

बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर ने हेब्बाल पुलिस को मामले की जांच सौंपी है. पुलिस के मुताबिक पूरा मामला ब्लैक डॉलर स्कैम से जुड़ा लग रहा है. यानी करेंसी डबल करने की धोखाधड़ी. पुलिस ने बरामद हुए 30 लाख US डॉलर को आगे की जांच के लिए रिज़र्व बैंक भेज दिया है. भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत करीब 25 करोड़ रुपये है.

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कूड़ा बीनने वाले सुलेमान को मिले यूएस करेंसी के 23 बंडल
केमिकल में भीगे हुए थे सभी नोट, स्कैम का शक
हेब्बाल पुलिस को सौंपी गई मामले की जांच
बेंगलुरु:

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कूड़ा-कचरा बीनने वाले एक 39 वर्षीय शख्स को एक रेलवे ट्रैक पर पड़े एक बैग से 30 लाख अमेरिकी डॉलर मिले. भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत करीब 25 करोड़ रुपये है. पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, बैग में अमेरिकी डॉलर के साथ एक लेटरहेड भी मिला है, जिस पर संयुक्त राष्ट्र की मुहर लगी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, कूड़ा-कचरा बीनने वाले सुलेमान शेख को 3 नवंबर को एक बैग से यूएस करेंसी के 23 बंडल मिले थे. उन्होंने रविवार को शहर की पुलिस को यूएस करेंसी के 23 बंडल और यूएन का लेटर हेड सौंप दिया.

रिपोर्ट के मुताबिक, सुलेमान शेख पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के रहने वाले हैं. वह बेंगलुरु में कचरा बीनने का काम करते हैं. घटना 1 नवंबर की है. सुलेमान आम दिनों की तरह  नागवारा रेलवे स्टेशन पर प्लास्टिक और बोतलें इकट्ठा कर रहे थे. इसी दौरान कचरा बीनने हुए उनकी नजर एक काले बैग पर पड़ी. उन्होंने बैग उठाया और उसे खोलकर देखा, तो हैरान रह गए. वो बैग लेकर घर चले गए.

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य से किया संपर्क
इतने नोट देखकर सुलेमान शेख घबरा गए और किसी को कुछ नहीं बताया. 5 नवंबर को जब उनके मालिक बप्पा से मुलाकात हुई, तो सुलेमान ने सारी बात बताई और नोटों के बंडल भी सामने रख दिए. इतनी रकम देख उनके सुलेमान के मालिक बप्पा भी हैरान रह गए. उन्होंने फौरन सामाजिक कार्यकर्ता और स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य आर कलीम उल्लाह से संपर्क किया, जो सुलेमान को बेंगलुरु कमिश्नर बी दयानंद के ऑफिस में लेकर गए.

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हेब्बाल पुलिस को सौंपी मामले की जांच
बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर ने हेब्बाल पुलिस को मामले की जांच सौंपी है. पुलिस के मुताबिक पूरा मामला ब्लैक डॉलर स्कैम से जुड़ा लग रहा है. यानी करेंसी डबल करने की धोखाधड़ी. पुलिस ने बरामद हुए US डॉलर को आगे की जांच के लिए रिज़र्व बैंक भेज दिया है. ताकि ये पता चल सके कि डॉलर्स असली हैं या नकली. सभी नोट केमिकल में भीगे थे. इसलिए इसकी जांच भी जरूरी है. शुरुआती जांच के मुताबिक, ये करेंसी नोट नकली बताए जा रहे हैं और ये 'ब्लैक डॉलर स्कैम' का हिस्सा हैं.

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मामले में आया नया मोड़
इस बीच मामले में एक नया मोड़ आया है. सुलेमान के मालिक बप्पा ने आरोप लगाया कि ये मामला सामने आने के बाद कुछ लोगों ने 7 नवंबर को उनका अपहरण कर लिया. उन लोगों को शक था कि यूएस डॉलर अभी भी उनके पास हैं. हालांकि, कुछ घंटों बाद उन्हें छोड़ दिया गया. इस मामले में पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है, ताकि अगर बप्पा का अपहरण हुआ, तो उस गाड़ी को तलाशा जा सके जिसमे बप्पा को वापस हेब्बाल के पास छोड़ा गया था. अगर उस गाड़ी का पता चल गया, तो बैग में मिले डॉलर्स की गुत्थी भी सुलझ जाएगी.

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