कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के एक बयान से कर्नाटक की राजनीति गरमा गई है. डीके शिवकुमार ने बेंगलुरु के विधायकों पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है. हालांकि उन्होंने किसी विधायक का नाम नहीं लिया. लेकिन डिप्टी सीएम शिवकुमार के बयान से दक्षिण भारतीय राज्य की राजनीति में एक नई चर्चा शुरू हो गई है. दरअसल डिप्टी सीएम का यह बयान बेंगलुरु के कूड़ा विवाद पर सामने आया है. शहर में कूड़ा प्रबंधन में भ्रष्टाचार और माफिया की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं. ये सवाल तब और बड़े हो गए कि जब डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने खुद इस मुद्दे को उठाया.
विधायक विकास निधि में 800 करोड़ की मांग
दरअसल कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने आरोप लगाया कि शहर के सभी राजनीतिक दलों के विधायक बेंगलुरु के कचरा संकट को लेकर सरकार को "ब्लैकमेल" कर रहे हैं. विधान परिषद में डीके शिवकुमार ने विधायकों को "ब्लैकमेलर" बताते हुए दावा किया कि ये विधायक विकास निधि में 800 करोड़ रुपये की मांग कर रहे हैं.
डिप्टी सीएम बोले- एक बड़ा माफिया शामिल
डिप्टी सीएम ने यह भी आरोप लगाया कि शहर के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को नियंत्रित करने वाला एक "बड़ा माफिया" है. उपमुख्यमंत्री शहर में कचरा मुद्दे पर एमएलसी एम नागराजू के सवाल का जवाब दे रहे थे. नागराजू ने बताया कि कचरा निपटान सुविधाओं की कमी के कारण कचरा ढोने वाले कई वाहन सड़कों पर फंसे हुए हैं. उन्होंने शहर से कचरा साफ नहीं किए जाने पर भी चिंता व्यक्त की.
कचरा ठेकेदारों ने बना लिया है गिरोह
बेंगलुरु विकास मंत्री डीके शिवकुमार ने परिषद को बताया, "मैंने मीडिया में कचरा समस्या के बारे में रिपोर्ट देखी है. यहां एक बड़ा माफिया है. कचरा ठेकेदारों ने एक गिरोह बना लिया है और मानक दरों से 85 प्रतिशत अधिक कीमत लगाई है. अब उन्होंने हमें कार्रवाई करने से रोकने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है."
कचरे को शहर से 50 किमी दूर ले जाने की योजना अटकी
डीके शिवकुमार ने आगे दावा किया कि कानूनी बाधाओं के कारण ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को कारगर बनाने के सरकारी प्रयासों में देरी हो रही है. डीके शिवकुमार ने खुलासा किया कि सरकार ने शहर के कचरा निपटान कार्य को चार पैकेजों में विभाजित करने और कचरे को 50 किलोमीटर दूर ले जाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह पहल रुकी हुई है.
विधायक कर रहे ब्लैकमेल, मैं नाम नहीं ले सकताः डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम ने आगे कहा, "हमारे बेंगलुरु विधायक हमें ब्लैकमेल कर रहे हैं. मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता. मैं आपको सच्चाई बता रहा हूँ. वे सभी पार्टियों से हैं. वे विकास निधि के रूप में 800 करोड़ रुपये चाहते हैं. मैं यहाँ उनका नाम नहीं ले सकता." उन्होंने परिषद को बताया कि पिछले तीन दिनों से शहर के महादेवपुरा में वाहन फंसे हुए हैं.