कर्नाटक की राजधानी में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. भारी बारिश के कारण कुछ आलीशान घरों वाले कॉलोनियों में पानी भर गया और निवासियों को बचाने के लिए ट्रैक्टरों की मदद लेनी पड़ी. लेकिन ट्रैक्टरों की मदद से बाहर निकाले गए लोग परेशान हैं क्यों कि उनकी महंगी कारें बीएमडब्ल्यू, सेडान, रेंज रोवर, एसयूवी बाढ़ के बीच फंसी हुई है. वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि भारत के आईटी हब में बाढ़ ने किसी को नहीं बख्शा है. बताते चलें कि यहां के अपार्टमेंट - दिव्यश्री 77 ईस्ट इन यमलुर की कीमत 7-10 करोड़ रुपये है. वहीं महंगी कारों की कीमत 65 लाख से रुपये से 2.5 करोड़ तक होती हैं.
कुछ अपेक्षाकृत कम खर्चीले मॉडल के कार जैसे होंडा सिविक का पुराना संस्करण और अब बंद हो चुकी वोक्सवैगन पोलो भी बाढ़ में फंसी हुई देखी गयी है. बाढ़ से अभी तक कुल नुकसान का अनुमान नहीं लगाया जा सका है. रोहित वर्मा द्वारा शेयर किया गया वीडियो उनमें से एक है जिसे लोग काफी शेयर कर रहे हैं.
इस बाढ़ ने 2015 में चेन्नई में आयी बाढ़ की याद को ताजा कर दिया है. जब हजारों कारों और दोपहिया वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था. बताते चलें कि ऑडिस और जगुआर सहित महंगी कारों को बाद में बाजार मूल्य से काफी कम पर बेचा गया था क्योंकि ये या तो मरम्मत के लायक नहीं थी या फिर से सड़क पर लाने के लिए भारी रकम खर्च करनी पड़ती.आमतौर पर, बीमा कंपनियों की तरफ से बाढ़ और अन्य ऐसी "प्राकृतिक आपदाओं" को कवर नहीं किया जाता है. हालांकि यह अतिरिक्त प्रीमियम का भुगतान करने के हालात में की जाती रही है.
एक ट्रैक्टर-ट्रॉली पर दिव्यश्री 77 ईस्ट हाउसिंग कॉम्प्लेक्स से बचाए गए लोगों में निवेशक सुधीर सेठी और पत्नी शालिनी सेठी शामिल थे. शालिनी सेठी कहती हैं कि इस बाढ़ में बुजुर्गों को बहुत परेशानी हो रही है. एड-टेक प्लेटफॉर्म Unacademy के सीईओ गौरव मुंजाल ने भी एक वीडियो शेयर किया है जिसमें बाढ़ के कारण उनके परिवार और पालतू कुत्ते को एक ट्रैक्टर पर रेस्क्यू किया जा रहा है.
इधर पूरे मामले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को पिछली कांग्रेस सरकारों के “कुशासन” को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हर मुश्किल का सामना करते हुए शहर में बारिश से उपजी समस्याओं को दूर करने की चुनौती स्वीकार की है और यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि भविष्य में फिर ऐसी दिक्कतों का सामना न करना पड़े.