RG कर रेप-हत्‍या मामले में हाई कोर्ट पहुंची बंगाल सरकार, संजय रॉय के लिए मांगी मौत की सजा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुए जूनियर डॉक्टर के साथ बर्बरता के मामले में दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा मिलने से संतुष्ट नहीं थी. ऐसे में अब राज्य सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
आरजी कर मामला के दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.
कोलकाता:

पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में सियालदह कोर्ट की विशेष अदालत की सजा के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया है. ट्रायल कोर्ट ने मामले के दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने जस्टिस देबांगशु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ का रुख कर संजय रॉय के लिए मौत की सजा की मांग की है. मामले को दायर करने की अनुमति दे दी गई है.

"हम बहुत पहले ही मृत्युदंड सुनिश्चित कर देते"

सोमवार को ट्रायल कोर्ट ने दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सजा के ऐलान के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान सामने आया था.  ममता बनर्जी ने कहा था, "मुझे मीडिया से सजा के बारे में पता चला. हमने हमेशा मृत्युदंड की मांग की है और हम इस पर कायम हैं. हालांकि, यह अदालत का फैसला है और मैं इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकती. तीन अन्य मामलों में, राज्य पुलिस ने गहन जांच के माध्यम से मृत्युदंड सुनिश्चित किया, जो 54-60 दिनों के भीतर पूरा हो गया. यह एक गंभीर मामला था. अगर यह हमारे अधिकार क्षेत्र में होता, तो हम बहुत पहले ही मृत्युदंड सुनिश्चित कर देते".

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले साल अगस्त में एक महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी.

सियालदह कोर्ट ने शनिवार को ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या मामले में आरोपी सिविक वालंटियर संजय रॉय को दोषी करार दिया था. फैसले के समय संजय रॉय ने अदालत में दावा किया था कि उसे फंसाया गया है. हालांकि, न्यायाधीश अनिर्बन दास ने कहा था कि उसे सजा सुनाए जाने से पहले सोमवार को बोलने का मौका दिया जाएगा. मृतका के माता-पिता ने दोषी करार दिए जाने के लिए न्यायाधीश का शुक्रिया अदा किया था.

सियालदह कोर्ट ने रॉय को सजा सुनाते हुए उसपर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था. साथ ही राज्य सरकार को मृतक चिकित्सक के परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था. न्यायाधीश दास ने कहा था कि यह अपराध ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम'' श्रेणी में नहीं आता, जिससे दोषी को मृत्युदंड दिया जा सके.

ये भी पढ़ें-छत्‍तीसगढ़ : गरियाबंद में मुठभेड़ में 15 नक्‍सलियों के मारे जाने की खबर; 1 करोड़ का नक्सली भी ढेर : सूत्र

Featured Video Of The Day
Goa Night Club Fire: 25 लोगों की मौत का गुनहगार कौन? | Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon