गैस के दाम बढ़ने से परेशान हुए उज्जवला योजना के लाभार्थी, फिर से चूल्हे पर खाना बनाने को हुए मजबूर

सरकार ने उज्जवला योजना के तहत लोगों को गैस और चूल्हे मुहैया कराए. मगर सिलिंडर के बढ़ते दाम की वजह से लोग गैस तक नहीं भरा पा रहे. नतीजतन लोगों को फिर से लकड़ी के ईंधन के सहारा खाना बनाना पड़ रहा है.

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महंगाई की मार से त्रस्त हुई जनता

रायपुर:

उज्जवला योजना के तहत छत्तीसगढ़ में भी लाखों परिवारों को गैस सिलिंडर और चूल्हा वितरित किया गया था. ये भी दावा किया गया था की महिलाओं के जीवन स्तर  में सुधार आएगा लकड़ी और कोयले के धुंए से राहत मिलेगी. लेकिन गैस सिलिंडर महंगा होने से लोगों के लिये सिलिंडर रिफिल करना मुश्किल हो गया है. एक और दिक्कत ये है कि इससे जंगलों के प्रति लोगों की निर्भरता बढ़ गई है नतीजे ये है कि पेड़ काटे जा रहे हैं ...

जगदलपुर से 35 किमी दूर छोटे कवाली की रहने वाली संपति कश्यप चूल्हे में खाना पकाती हैं. जंगल से लकड़ी लाती हैं फिर चूल्हा जलता है. 2017 में गैस कनेक्शन मिला था लेकिन महंगाई में वो बस रसोई की शोभा है . संपति कश्यप, कहते हैं कि सिलिंडर महंगा हो गया है तो भरा नही सकते इसलिये चूल्हे में खाना बनाते हैं जब सिलिंडर मिला था तब उम्मीद थी कि लड़की बीनने नही जाएंगे. जंगल में खतरा रहता है क्या करें जाना तो पड़ेगा बारिश में ज्यादा दिक्कत होती है.

सुकरी बाई कहती हैं कि गैस भरा नहीं सकते, लकडी जंगल से लाते है. जब सिलिंडर मिला लगा था कि चूल्हा फूंकना नहीं पड़ेगा, याद नहीं है कब सिलिंडर भराये थे जंगल मे सांप बिच्छू से डर बना रहता है. प्रभु कश्यप ने एक साल में एक ही सिलिंडर भराया है जंगल से लकड़ी लाते है तब जाकर चूल्हा जलता है. अप्रैल 21 से फरवरी 2022 की बीच प्रदेश में उज्जवला योजना हितग्राही की संख्या 3340214 रही लेकिन 11 महीने में औसत रिफिल 1.60 सिलिंडर है

बलरामपुर ज़िले में में सबसे कम औसत 1 सिलिंडर भी नहीं रहा. वहां 0.9 सिलिंडर भराये गए. दुर्ग में सबसे ज्यादा औसत 2.85 सिलिंडर भरे गए. वहीं राजधानी रायपुर में औसत 2.72 सिलिंडर रिफिल करवाये गए. राज्य सरकार खुद मान रही है, वहां उज्जवला योजना फ्लॉप है. लोगों जंगल से लकड़ी लेकर चूल्हा जला रहे हैं, जबकि बीजेपी का कहना है कि राज्य सरकार लोगों को प्रोत्साहित नहीं कर रही है

मोहम्मद अकबर, वन मंत्री का कहना है कि उज्जवला योजना फ्लॉप हो गई है. आसपास में जंगल से सूखी लकड़ी लाकर चूल्हा जलाते है. बीजेपी के पूर्व मंत्री केदार कश्यप का कहना है कि सरकार हमारे लोगों को प्रोत्साहित नहीं कर रही है सरकार का दायित्व है, लोगों की स्थिति बदली है. इस सरकार ने गरीबों के पीएम आवास वापस कर दी है.

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