ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल हुआ घातक हथियार HAMMER अब बनेगा भारत में, बीईएल और फ्रांसीसी कंपनी साफ्रान में करार

शुरुआती चरण में प्रमुख उप-संयोजनों, इलेक्ट्रॉनिक मॉड्यूलों और यांत्रिक पुर्ज़ों के स्थानीय विकास पर जोर दिया जाएगा. लक्ष्य है कि उत्पादन स्तर पर करीब 60% तक स्वदेशीकरण हासिल किया जाए.

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  • IAF की हैमर स्मार्ट प्रिसिजन एयर टू ग्राउंड वेपन सिस्टम अब भारत में ही निर्मित होगी
  • बीईएल और साफ्रान ने समान भागीदारी का करार, जिसमें दोनों के हिस्से पचास-पचास प्रतिशत होंगे
  • इस परियोजना का उद्देश्य उत्पादन स्तर पर करीब 60% स्वदेशीकरण हासिल करना है
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नई दिल्ली:

भारतीय वायुसेना की अत्याधुनिक हैमर (HAMMER) स्मार्ट प्रिसिजन गाइडेड एयर टू ग्राउंड वेपन सिस्टम अब देश में ही निर्मित होगी. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और फ्रांस की साफ्रान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस ने भारत में संयुक्त उपक्रम स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण करार किया है. नई कंपनी हैमर प्रणाली के निर्माण, आपूर्ति और दीर्घकालिक रखरखाव की ज़िम्मेदारी संभालेगी.

बीईएल और साफ्रान की समान भागीदारी

सौदे पर दस्तख्त बीईएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मनोज जैन तथा साफ्रान के एक्ज़िक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट एलेक्ज़ांद्र जिगलर ने किए. इस मौके पर रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार और साफ्रान के सीईओ ओलिवियर एंड्रिएस भी उपस्थित रहे. यह संयुक्त उपक्रम एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तौर पर काम करेगा, जिसमें बीईएल और साफ्रान दोनों की समान भागीदारी होगी यानि 50 -50 फीसदी का हिस्सा हिस्सा होगा.

करीब 60% तक स्वदेशीकरण का लक्ष्य

शुरुआती चरण में प्रमुख उप-संयोजनों, इलेक्ट्रॉनिक मॉड्यूलों और यांत्रिक पुर्ज़ों के स्थानीय विकास पर जोर दिया जाएगा. लक्ष्य है कि उत्पादन स्तर पर करीब 60% तक स्वदेशीकरण हासिल किया जाए. इस पहल से भारतीय वायुसेना और नौसेना की आधुनिक ऑपेरशनल जरूरतों को मजबूती मिलेगी.

क्यों खास है हैमर?

हैमर एक अत्याधुनिक, हवा से ज़मीन पर मार करने वाली सटीक स्मार्ट हथियार प्रणाली है. सीधे अर्थों में कहे तो यह फ्रांस का सबसे आधुनिक स्मार्ट टू ग्राउंड बम है. फ्रांस से खरीदा गया रफाल लड़ाकू विमान इसी से दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देता है. बात चाहे बंकर की हो या कोई फिर महत्वपूर्ण सेन्टर. यह 70 किलोमीटर दूर से भी सटीक निशाना मारकर तबाह कर देता है. यह इतना चालाक है कि उड़ते-उड़ते खुद रास्ता बदलने में सक्ष्म.

इसकी मॉड्यूलर डिज़ाइन इसे रफाल के साथ-साथ स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान के लिए भी उपयुक्त बनाती है. हर मौसम में काम करने की क्षमता और 60–70 किलोमीटर की मारक दूरी इसे अत्यधिक प्रभावशाली बनाती है. उन्नत नेविगेशन सिस्टम के चलते इसके निशाना चूकने की संभावना बेहद कम रहती है.

भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई में स्कैल्प और हैमर मिसाइलों का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया था. साफ है ऐसे खतरनाक बम के भारत मे बनने से दुश्मनों के अंदर और खौफ पैदा होगा.

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