उत्तर प्रदेश में अब तक बहुत कम मानसूनी बारिश के कारण फसलों के प्रभावित होने की आशंका के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में मानसून की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में इस वर्ष 13 जुलाई तक मात्र 76.6 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो सामान्य स्तर यानी 199.7 मिलीमीटर बारिश से लगभग 62 प्रतिशत कम है. प्रदेश के 19 जिले ऐसे हैं जहां अब तक सामन्य से 40 से 60 प्रतिशत तक ही वर्षा दर्ज की गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कमजोर मानसून के मद्देनजर किसानों और फसलों की स्थिति को देखते हुए सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना होगा. उन्होंने कहा कि हर स्थिति के लिए कार्य योजना तैयार कर ली जाए और कृषि, सिंचाई, राहत तथा राजस्व जैसे सम्बंधित विभाग ‘अलर्ट मोड' में रहें. उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि वैज्ञानिकों के माध्यम से किसानों से सतत संवाद बनाये रखने को कहा ताकि उन्हें सही जानकारी मिल सके.
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आने वाला हफ्ता चुनौतीपूर्ण हो सकता है, ऐसे में यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी पेयजल का अभाव न हो. उन्होंने बांदा, चंदौली, हमीरपुर, देवरिया, जालौन जिलों के साथ ही बलिया, बस्ती, गोरखपुर, महराजगंज, संतकबीरनगर और श्रावस्ती जैसे जिलों पर विशेष ध्यान देने को कहा.
आदित्यनाथ ने कहा कि कम बारिश की वजह से खरीफ फसलों की बोआई भी प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा कि खरीफ अभियान 2022-23 के अंतर्गत 13 जुलाई की अद्यतन स्थिति के अनुसार प्रदेश में 96.03 लाख हेक्टेयर के लक्ष्य के सापेक्ष 42.41 लाख हेक्टेयर में बोआई हो सकी है, जो लक्ष्य का मात्र 44.16 प्रतिशत ही है. उन्होंने कहा कि इस बार मानसून में विलंब हो रहा है मगर यह संतोष की बात है कि ताजा स्थिति के अनुसार सभी प्रमुख नदियों, नहरों और जलाशयों में पर्याप्त पानी मौजूद है.
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