रहें सतर्क ! खाते में रुपये आने का फर्जी SMS भेज लाखों की चपत लगा रहे हैं ठग

साइबर जानकारों का कहना है कि अगर आप इस तरह के किसी फ्रॉड से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले आप उस SMS को ध्यान से पढ़ें.

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मोबाइल फोन पर फर्जी एसएमएस भेजकर ठगी कर रहे हैं आरोपी

नई दिल्ली:

इन दिनों ऑनलाइन फ्रॉड या कहें तो साइबर ठगी के कई नए मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में हमें और आपको जरूरत है अतिरिक्त सावधान रहने की. ठग अब फर्जी एसएमएस (SMS) से लेकर आपके मोबाइल फोन पर फर्जी लिंक शेयर करके आपको लाखों की चपत लगाने की फिराक में हैं. कई ऐसे मामले सामने आए भी हैं जिनमें ठगों ने आम लोगों को अलग-अलग तरीकों से लाखों की चपत लगाई भी है. बीते कुछ समय में साइबर ठगी के तरीके में बदलाव आया है. अब ठग सिर्फ एक तरीके से ही ठगी को अंजाम नहीं दे रहे हैं. वो कहीं इंटरनेट से, कहीं फोन से तो अब तो एसएमएस के ज़रिए धोखाधड़ी कर रहे हैं. 

साइबर ठगी के मामले 200% बढ़े

साइबर ठगी के आंकड़ों में भी बीते कुछ समय में काफी बढ़ोतरी हुई है. बीते कुछ समय में साइबर ठगी के मामले 200% बढ़े हैं. इस साल अब तक साइबर ठगी के 25,000 मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि ऐसे मामलों की वजह से 200 करोड़ से ज़्यादा का वित्तीय नुकसान हुआ है. खास बात ये है कि तमाम कोशिशों के बाद भी ऐसी ठगी के मामलों में सिर्फ दो से आठ फीसदी पैसे ही वापस मिल पाते हैं.

एक से दो फीसदी मामलों में ही FIR

आंकड़ों की मानें तो पिछले साल की तुलना में इस साल अभी तक साइबर ठगी के मामलों में 212 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है. ठग अब यूपीआई फ्रॉड से लेकर बैंक इमेल स्कैम तक का सहारा ले रहे हैं. जनवरी 2022 से लेकर अब तक दो लाख से ज़्यादा साइबर फ़्रॉड की शिकायतें दर्ज कहाई गई हैं. जबकि इन तमाम शिकायतों में से एक से दो फीसदी में ही FIR हुई है. 

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दिल्ली के ज्वेलर के साथ ठगी

ऐसे में आप सोचिए ये तो आधिकारिक आंकड़े हैं. ऐसे कई मामले होते होंगे जिसमें लोग शिकायत तक दर्ज नहीं कराते होंगे. तमाम दावे होते हैं साइबर फ़्रॉड से निपटने के.बावजूद इसके हर साल साइबर फ़्रॉड के मामले बढ़ ही रहे हैं.अब आपको बताते हैं दिल्ली के ज्वेलर को भी कैसे ठगों ने अपना शिकाय बनाया. ज्वेलर को अपना शिकार बनाने के लिए ठगों ने SMS का इस्तेमाल किया. जिस समय ज्वेलर के साथ ठगी हुई उस दौरान वह बाहर था. आरोपी शख्स ने उनके बेटों से सोने की चेन खरीदने की डील की. और कहा कि वो दुकान पर आकर इसे नहीं ले सकते, इसपर दुकान पर बैठे ज्वेलर के बेटों ने कहा कि आप अपना पता बता दीजिए हम वहीं भिजवा देंगे.

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इसपर ठग ने पीड़ित ज्वेलर के बेटों से कहा कि क्या वो चेन की पेमेंट कर दें. इसपर उन्होंने कहा कर दीजिए पेमेंट. इसके बाद ज्वेलर के बेटों के पास एक SMS आता है जिसमें उनके बैंक खाते में पैसे आने की जानकारी दी जाती है. इसके बाद ज्वेलर वो दोनों चेन ठगों द्वारा बताए गए जगह पर पहुंचवा देते हैं. लेकिन जब बाद में पता किया जाता है तो मालूम चलता है कि जो SMS आया था वो फर्जी था और उनके बैंक खातों में कोई पैसा नहीं आया है. 

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पीड़ित के बैंक खाते में नहीं आए कोई पैसे

पीड़ित ज्वेलर नवल किशोर खंडेलवाल ने बताया कि हमने सोचा आ गए हैं शायद और यह बैंक का मैसेज है, अक्सर ऐसा ही होता है और क्योंकि हम कथा सुन रहे थे इसलिए हमने ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया लेकिन बाद में हमे ध्यान आया कि कल भी आया है यह मैसेज और आज भी आया है यह मैसेज तुमने बैंक को चेक किया. वहीं पर ही तो हमने चेक किया तो बैंक में पैसा नहीं आया था फिर मैंने बच्चों से कहा कि आप बैंक में जाकर चेक करो तो बैंक वालों ने कहा इसमें हमारा कोई दोष नहीं है. ना हमने कोई मैसेज दिया है और ना हमारा कोई मैसेज है यह सब नकली मैसेज बनाया हुआ है. खास बात ये है कि इस मामले में आरोपी अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर हैं. 

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कई लोगों के साथ हुई ठगी

इस घटना को लेकर दी बुलियन एंड ज्वेलर एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश सिंघल ने कहा कि जब मुझे रविवार को जानकारी मिली तो मैं पूरे हिंदुस्तान में इस कारोबार से जुड़े लोगों को मैसेज भिजवाना शुरू किया. ताकि वो इस तरह से किसी ठगी का शिकार ना हो जाएं. हमनें जैसे ही मैसेज भेजना शुरू किया वैसे ही पता चला कि कई और जगह पर भी ऐसे कई और ज्वेलर इस ठगी का शिकार हो चुके हैं.  कुछ लोगों ने कहा कि दरियागंज में मटिया महल के बच्चे हैं किस काम में लगे हुए हैं तो इस तरह के बहुत फीडबैक आए तब पता चला कि यह फ्रॉड एक जगह नहीं हो रहा बल्कि जगह-जगह हो रहा है लेकिन छोटे अमाउंट का फ्रॉड होने से दुकानदार शायद चुप हो जाते हैं. या लोग ऐसे दुकानदारों को बेवकूफ ना समझें इसलिए वह ज्यादा इसको रिपोर्ट नहीं कराते थे.

बता दें कि इस मामले में गृह मंत्रालय के पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है हालांकि साइबर कानून के जानकार मानते हैं कि ये साइबर फ्रॉड नहीं धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े और क्रिमिनल ब्रीच का मामला है. 

साइबर लॉ एक्सपर्ट सजल धमीजा के अनुसार यह मैटर साइबर लॉ में आता ही नहीं है. यह एक क्रिमिनल मैटर है चीटिंग का मामला है. किसी ने एक मैसेज फोर्ज करके किसी को भेजा है इसमें ना तो बैंक पोर्टल यूज़ हुआ ना ही कोई ऐसी एक्टिविटी हुई. जो साइबर क्राइम को आकर्षित करती है यह सारा मामला आईपीसी के तहत आता है. यह मामला धोखाधड़ी फोर्जिंग चीटिंग का है. 

SMS फ्रॉड से बचना है तो इन बातों को रखें ध्यान

साइबर जानकारों का कहना है कि अगर आप इस तरह के किसी फ्रॉड से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले आप उस SMS को ध्यान से पढ़ें, जो आपके फोन पर आया है. SMS में किसी भी तरह के बदलाव पर ध्यान दें. साथ ही कोई भी गोपनीय जानकारी SMS से नहीं मांगी जाती है, ऐसे में इस बात का ध्यान जरूर रखें. बैंक स्टेटमेंट से SMS का मिलान करें. किसी भी SMS को आंख मूंदकर बैंक का ना मान लें. 

गाड़ी चालान का भी SMS हो सकता है फर्जी

ई चालान के नाम पर भी फ़र्ज़ीवाड़ा शुरू हो चुका है. ये इतना बढ़ा है कि बकायदा इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विज्ञापन छापा है. इस विज्ञापन में लिखा है कि सावधान रहें. ई चालान की असली वेबसाइट का पता दिया गया है. ये बताया गया है कि किसी दूसरी साइट पर अगर जाकर पेमेंट को कहा जाए तो बिल्कुल ना करें. वेबसाइट का पूरा पता चेक करें. ये नया घोटाला है. ई चालान घोटाला. इससे सावधान रहें. अगर कोई लिंक आता है तो उसपर क्लिक ना करें. ये भी लिखा है कि क्लिक करते ही जालसाज़ आपका बैंक खाता हैक कर सकता है.  

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