CJI की 'माफी' के बाद जूता कांड का आरोपी वकील रिहा, पर BCI ने सिखाया सबक, वकालत पर लगाई रोक

जूताकांड के बाद सीजेआई के कहने पर पुलिस ने आरोपी वकील को छोड़ दिया है. उनका जूता और अन्य सामान भी लौटा दिया है. सीजेआई ने कहा कि हम ऐसे मामलों से विचलित नहीं होंगे.

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सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई की तरफ जूता फेंकने की कोशिश करने वाले वकील पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने कार्रवाई कर दी है. आरोपी वकील राकेश किशोर के वकील के नामांकन को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. अब वह किसी कोर्ट में पैरवी नहीं कर सकेंगे. उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए नोटिस जारी किया गया है. उधर सीजेआई के कहने पर आरोपी वकील को पुलिस ने छोड़ दिया है. उनका जूता और अन्य सामान भी लौटा दिया है. सीजेआई ने इस घटना को नजरंदाज करते हुए कहा था कि हम ऐसे मामलों से विचलित नहीं होंगे.

बार काउंसिल ने की ये कार्रवाई

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अपने अंतरिम आदेश में कहा प्रथम दृष्टया सामग्री से प्रतीत होता है कि 6 अक्टूबर 2025 को सुबह लगभग 11:35 बजे, सुप्रीम कोर्ट की कोर्ट नंबर 1 में अधिवक्ता राकेश किशोर (एनरोलमेंट नंबर D/1647/2009, बार काउंसिल ऑफ दिल्ली) ने अपने स्पोर्ट्स शूज़ उतारकर मुख्य न्यायाधीश की ओर फेंकने का प्रयास किया, जिसके बाद उन्हें सुरक्षा कर्मियों ने हिरासत में ले लिया.  बार काउंसिल ने कहा कि यह आचरण न्यायालय की गरिमा और अधिवक्ता आचरण संहिता के नियमों के विपरीत है.

  • आरोपी एडवोकेट राकेश किशोर की वकालत तत्काल प्रभाव से निलंबित की जाती है.
  • वह अब भारत के किसी भी न्यायालय, ट्रिब्यूनल या प्राधिकरण में पेश नहीं हो सकेंगे.
  • यह कार्रवाई एडवोकेट्स एक्ट 1961 और बार काउंसिल रूल्स (चैप्टर II, पार्ट VI) के तहत की गई है.
  • वकील पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी. उन्हें 15 दिन में नोटिस का जवाब देना होगा कि निलंबन क्यों न जारी रखा जाए.
  • उनके सभी आईडी कार्ड, कोर्ट पास और एक्सेस परमिशन तत्काल प्रभाव से अमान्य कर दिए गए हैं.
  • बार काउंसिल ऑफ दिल्ली को आदेश का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है.

बीसीआई ने वकील राकेश किशोर को आदेश की कॉपी उनके रजिस्टर्ड पते और ईमेल पर भेजने के निर्देश दिए हैं. वकील को 48 घंटे के भीतर शपथपत्र दाखिल करना होगा कि वह किसी भी न्यायिक कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. बीसीआई ने कहा कि अंतरिम आदेश है. आगे की कानूनी कार्रवाई के परिणाम के अनुसार अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

चीफ जस्टिस ने कहा- जस्ट इग्नोर

जूताकांड के बाद सीजेआई बी.आर. गवई ने सुप्रीम कोर्ट अफसरों, सुरक्षा अधिकारियों, दिल्ली पुलिस के अफसरों के साथ भी मीटिंग की. बताया जाता है कि बैठक में इस बात पर चर्चा की गई कि वकील राकेश किशोर पर क्या कार्रवाई हो. सूत्रों के मुताबिक, सीजेआई ने रजिस्ट्री अफसरों से कहा- JUST IGNORE. उनका कहना था कि हम इन घटनाओं से विचलित नहीं होंगे.

CJI की 'माफी' के बाद वकील रिहा

सीजेआई ने रजिस्ट्री अफसरों से कहा कि हम इन घटनाओं से विचलित नहीं होंगे. अपना काम करते रहेंगे. CJI गवई के वकील पर कार्रवाई ना करने के फैसले के बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत से रिहा कर दिया. वकील का जूता भी वापस किया गया. आधार कार्ड और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का कार्ड व मोबाइल भी वापस दे दिया गया. 

ये गलत सूचनाओं का नतीजा : SG तुषार मेहता

सीजेआई कोर्ट में हुई घटना पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश की अदालत में आज हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए. यह सोशल मीडिया में फैलाई जा रही गलत सूचनाओं का नतीजा है. लेकिन यह वाकई खुशी की बात है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश ने देश के सर्वोच्च न्यायालय की उदारता और गरिमा के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की है. 

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'CJI की उदारता को कमजोरी न समझें'

तुषार मेहता ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि इस उदारता को दूसरे लोग संस्था की कमज़ोरी न समझें. मैंने खुद मुख्य न्यायाधीश को सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों पर पूरी श्रद्धा से जाते देखा है. मुख्य न्यायाधीश ने भी इस स्थिति को स्पष्ट किया है. यह समझ से परे है कि एक बदमाश को ऐसा करने के लिए किसने उकसाया? ऐसा लगता है कि यह ध्यान आकर्षित करने और सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए की गई हरकत है.

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