कोटद्वार बार एसोसिएशन (Kotdwar Bar Association) द्वारा अंकिता हत्याकांड (Ankita Murdercase) के आरोपियों की पैरवी नहीं करने का निर्णय लिए जाने के कारण बुधवार को अदालत में उनकी जमानत याचिका दाखिल नहीं हो पायी. कोटद्वार सिविल न्यायालय में आज आरोपियों की जमानत अर्जी दाखिल होनी थी जिस पर सुरक्षा की दृष्टि से वर्चुअल माध्यम से सुनवाई की जानी थी लेकिन कोटद्वार बार एसोसिएशन द्वारा आरोपियों का बहिष्कार का निर्णय लिये जाने के चलते कोई अर्जी दाखिल नहीं की गयी. कोटद्वार बार एसोसियेशन के अध्यक्ष अजय पंत ने बताया कि बार एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि कोई भी अधिवक्ता आरोपियों की ओर से न तो जमानत अर्जी दाखिल करेगा और न हीं उसकी पैरवी करेगा .
हालांकि, अदालत ने एक अधिवक्ता को इसके के लिए नामित भी किया था लेकिन उन्होंने भी नैतिकता को आधार बताते हुए दाखिल की गयी जमानत की अर्जी वापस ले ली. उधर, अंकिता हत्याकांड के आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने जमकर प्रदर्शन किया. कोटद्वार के अलावा पौड़ी जिले के रिखणीखाल, एकेश्वर, द्वारीखाल और दुगड्डा ब्लॉक से आई सैकड़ों आंगनबाड़ी कर्मियों ने इस दौरान अपने हाथों में दंराती भी ले रखी थीं . इस बीच कुछ समय के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 534 को भी बाधित किया गया लेकिन जल्द ही उन्होंने उसे खोल दिया. बाद में उन्होंने नायब तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा.
इस मौके पर एकेश्वर चौबट्टाखाल से आई पूनम कैत्यूरा ने कहा कि उनकी लड़ाई अंकिता के लिए इंसाफ की लड़ाई है और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर जघन्य हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग भी की गयी है. प्रदर्शनकारियों ने न्यायालय के बाहर गेट पर भी प्रदर्शन किया .