बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद हालात धीरे-धीरे पटरी पर लाने की कोशिश कार्यवाहक सरकार कर रही है. बांग्लादेश की मंत्री शर्मीन मुर्शिद ने NDTV से खास बातचीत में कहा कि कानून व्यवस्था की बहाली हमारी प्राथमिकता है. आज देश में कुछ लोगों को छोड़कर सभी शांति चाहते हैं. कोई भी बदलाव लाना एक कठिन प्रक्रिया होता है, लेकिन हम प्रयास कर रहे हैं. हम पूरे सिस्टम को रीबिल्ड करना चाहते हैं और उसी दिशा में काम कर रहे हैं. और युवा भी हमारा साथ दे रहे हैं.
लोकतांत्रिक चुनाव के लिए माहौल बनाने पर जोर
बांग्लादेश में कार्यवाहक सरकार की सामाजिक कल्याण सलाहकार शर्मीन मुर्शिद ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता कानून-व्यवस्था कायम करना है. उन्होंने कहा, "इस समय हमारी प्राथमिकता देश में कानून-व्यवस्था को वापस कायम करने पर है. हम देश में लोकतंत्र को स्थापित करने के लिए स्थितियां बना रहे हैं. लोकतांत्रिक चुनाव के लिए माहौल बनाने पर जोर है. गवर्नेंस को बेहतर बनाना है. हम पहले जैसे ही सामान्य हालात वापस लाने पर काम कर रहे हैं."
हम किसी को अल्पसंख्यक नहीं कर रहे
बांग्लादेश में हिंदुओं पर होने वाले हमलों को लेकर मंत्री शर्मीन मुर्शिद ने कहा, "देश के युवाओं को हम आगे की जिम्मेदारी के लिए तैयार कर रहे हैं. हम किसी को अल्पसंख्यक नहीं कर रहे, हम सब एक परिवार हैं. हम सभी को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे. हम फंडामेंटल फिलोसिफिकल बदलाव करने पर काम कर रहे हैं. राजनीति की वजह से कुछ जगहों पर हिंसा हुई. ऐसा देखा गया कि जिन लोगों के साथ हिंसा हुई, वे किसी खास राजनीतिक पार्टी से संबंध रखते थे. हमें अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों को सिर्फ हिंदुओं पर होने वाले हमलों के रूप में नहीं देखना चाहिए. युवाओं ने हिंसा के दौरान कई मस्जिदों और मंदिरों की सुरक्षा की... हालांकि, हम ये नहीं कर रहे कि हमले नहीं हुए."
अर्थव्यवस्था को पिछले कुछ समय में काफी नुकसान पहुंचा...
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना नई बांग्लादेश सरकार के लिए बड़ी चुनौती होगी. इस पर शर्मीन मुर्शिद कहती हैं, "बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को पिछले कुछ समय में मिस इंफॉर्मेशंस की वजह से काफी नुकसान पहुंचा है. अब हमारा फोकस फिर से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने पर है. हम कई रिफॉर्म पर काम कर रहे हैं. जल्द ही
कोटा मूवमेंट चला, क्योंकि युवाओं को लगा...
सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ चले आंदोलन को लेकर मंत्री शर्मीन मुर्शिद ने कहा, "देखिए, कोटा मूवमेंट चला, क्योंकि युवाओं को लगा कि रोजगार मिलना मुश्किल होगा. उनके पास अवसर कम हो रहे हैं. अन्य लोगों को उनके हक दिये जा रहे हैं. अब हमारा उद्देश्य एक पारदर्शी प्रक्रिया लाना है. देश में बहुत भ्रष्टाचार है, इसका पूरा सफाया करना है. इस उद्देश को पूरा करने के लिए युवा हमारे साथ अंदर और बाहर साथ काम कर रहे हैं. हम पूरे सिस्टम को रीबिल्ड करना चाहते हैं. तख्तापलट के बाद हालात सुधारने की कोशिश में कार्यवाहक सरकार जुटी है. कोई भी बदलाव एक कठिन प्रक्रिया होती है. इसमें कुछ समय लगता है."
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