चीनी मिलों के इथेनॉल निर्माण पर लगा प्रतिबंध हटा; जानिए, किसानों के लिए कैसे फायदे का सौदा 

Sugar mills can make ethanol : चीनी मिलों के साथ-साथ गन्ना किसानों को भी केंद्र सरकार ने बड़ी सौगात दी है. जानिए, कैसे एक फैसले से 15 करोड़ किसानों को हो गया फायदा...

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गन्ना किसानों को केंद्र सरकार के इस फैसले से बहुत फायदा होगा.

Ban on ethanol lifted : चीनी मिलों के लिए इथेनॉल निर्माण पर लगी रोक केंद्र सरकार ने हटा दी है. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की तरफ से चीनी मिलों को आज जारी आदेश में कहा गया है कि 204-25 के लिए 15 दिसंबर 2023 को अमान्य कर दिया है. सरकार ने गन्ने के रस, सीरा, बी-हैवी मोलेसेस और सी-हैवी मोलेसेस से इथेनॉल बनाने की अनुमति दे दी है.इस दौरान देश में चीनी के प्रोडक्शन पर सरकार निगाह रखेगी.

किसानों को कैसे होगा फायदा?

केंद्र सरकार के इस फैसले से देश के 15 करोड़ किसानों को फायदा होगा. क्योंकि चीनी मिलों को अब ज्यादा से ज्यादा गन्ने की जरूरत होगी और इसका सीधा फायदा किसानों को होगा. अभी चीनी मिलों की तरफ से गन्ने की खरीद में कई तरह के वर्गीकरण किए जाते हैं. जैसे गन्ना खराब है, गन्ने की नस्ल अच्छी नहीं है आदि-आदि. मगर अब इस फैसले के बाद सभी तरह के गन्ने चीनी मिलें खरींदेंगी और किसानों को अब तक होने वाले नुकसान भी फायदे में तब्दील हो जाएगा.

चीनी के रेट तो नहीं बढ़ेंगे?

हालांकि, इस फैसले से सबसे बड़ा डर यह है कि कहीं चीनी की देश में किल्लत न हो जाए. कारण यह है कि इथेनॉल से चीनी मिलों को काफी ज्यादा फायदा होगा. इससे ज्यादातर गन्ना इसी काम में इस्तेमाल हो जाएगा. इससे चीनी की कमी हो जाएगी और कीमतों में वृद्धि की आशंका है. शायद, इसलिए केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को इथेनॉल बनाने की इजाजत देते समय ही बता दिया है कि उसकी नजर चीनी प्रोडक्शन पर बनी रहेगी.

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