बेअंत सिंह हत्या मामला : कोर्ट ने राजोआना की मौत की सजा को उम्र कैद में बदलने से किया इनकार

राजोआना के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि हम दया याचिका पर उनके फैसले का इंतज़ार नहीं कर सकते, कोर्ट को मामले में अब फैसला सुनाना चाहिए. 

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
सुप्रीम कोर्ट में बलवंत सिंह राजोआना की याचिका
नई दिल्ली:

पंजाब के पूर्व सीएम बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की फांसी की सजा पर माफी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोई राहत नहीं दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने दया याचिका पर केंद्रीय गृहमंत्रालय को जल्द फैसला लेने को भी कहा है. बता दें कि राजोआना लगभग 27 साल से जेल में बंद है. उसकी दया याचिका भी 10 साल से ज़्यादा से केंद्र सरकार के पास लंबित है.

दो मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सीएम बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा था. केंद्र सरकार की तरफ से दाखिल हलफनामे कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला दिया गया था. राजोआना की तरफ से वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि बम ब्लास्ट में मुख्यमंत्री की मौत हो गई थी. मामले में जुलाई 2007 में सज़ा सुनाई गई थी और हाई कोर्ट ने 2010 में सज़ा बरकरार रखा था . राजोआना 27 साल से जेल में है, 2012 से दया याचिका लंबित है . 

राजोआना की ओर से मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में दलील दी कि मौत की सज़ा के मामले में लंबे समय तक देरी करना मौलिक अधिकार का हनन है. उन्होंने कहा कि 2012 से दया याचिका लंबित है, हम 2023 में आ गए, यह सीधे रूप से कोर्ट के आदेश की अवहेलना है. रोहतगी ने  कहा कि राजोआना की उम्र अब 56 साल हो गई, जब घटना हुई थी उस समय युवा था.

Advertisement

इसके बाद राजोआना के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि हम दया याचिका पर उनके फैसले का इंतज़ार नहीं कर सकते, कोर्ट को मामले में अब फैसला सुनाना चाहिए. रोहतगी का तर्क है कि यह अमानवीय है, विकल्प के रूप में अगर दया याचिका पर फैसला नहीं होता है तब तक राजोआना को पैरोल पर छोड़ा जा सकता है. रोहतगी ने कोर्ट ने अपील की कि दया याचिका पर फैसले में देरी के लिए उनके खिलाफ अवमानना के लिए अलग से कार्यवाही की जा सकती है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
RCB Victory Parade Stampede: जश्न में हुए हादसे को लेकर IPL Chairman Arun Dhumal ने जताया दुख
Topics mentioned in this article