"लोग ठगा महसूस कर रहे...": ST/SC आरक्षण में क्रीमी लेयर मामले पर मायावती

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सही पैरवी नहीं करी. अटॉर्नी जनरल ने पक्ष सही से नहीं रखा. जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने क्लासिफिकेशन ऑफ़ कास्ट की बात की.

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मायावती ने आरक्षण मुद्दे पर सरकार पर साधा निशाना
नई दिल्ली:

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि 9 अगस्त को टीवी में दिखाया गया कि बीजेपी के सभी एसटी/एससी सांसद पीएम से मिले और आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अवगत करवाया. जिसमें पीएम ने आश्वासन दिया की क्रीमी लेयर वर्गीकरण नहीं होगा. मैने अपने ट्वीट में कहा कि अगर केंद्र सरकार इस आश्वासन को पूरा करती है तो हमारा समर्थन रहेगा और ये संसद की कार्यवाही में ही किया जा सकता है. इसमें कानून बनाना पड़ेगा की आरक्षण में कोई भी वर्गीकरण नहीं किया जाए.

मायावती ने आगे कहा कि अगर अटॉर्नी जनरल ने मजबूती से पक्ष रखा होता तो ये सब नहीं होता. कल वर्तमान सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया था. इस फैसले से उपवर्गीकरण करके आरक्षण खत्म करने का प्रयास किया गया. पीएम मोदी ने कहा की इस प्रणाली को लागू नहीं किया जाएगा. लेकिन उसके बावजूद भी सदन में सरकार ने कुछ नहीं किया. विशेष सत्र तो बुलाना दूर... सरकार ने तो कल सदन ही स्थगित कर दी.

मायावती ने कहा कि पीएम मोदी ने अभी तक अपने आश्वासन की कोई सरकारी पुष्टि ना तो प्रेस के माध्यम से करी और ना ट्वीट से. वर्तमान सरकार में एससी/ एसटी के 40 करोड़ से ज़्यादा लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं, पूर्व कांग्रेस सरकार की तरह.... केंद्र की सरकारों ने इस आरक्षण को खत्म करने के लिए समय-समय पर अनेक कोशिश की. सरकारी नौकरी को निजी हाथों में देकर आरक्षण ख़त्म करने का प्रयास सरकार ने किया. एससी/एसटी आरक्षित पदों में लंबे समय से नियुक्ति नहीं कराई गई और बाद में नियुक्ति खत्म करके सामान्य जाती को दे दिया गया. ये वही बिल है जिसे समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस और बीजेपी के साथ मिलकर सांसद में फाड़ दिया था.

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"चुनाव में बड़ी-बड़ी बात कर रहे थे"

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सही पैरवी नहीं करी. अटॉर्नी जनरल ने पक्ष सही से नहीं रखा. जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने क्लासिफिकेशन ऑफ़ कास्ट का फैसला दिया. इस तरह के फ़ैसले से एससी और एसटी आरक्षण में मिलने वाले आरक्षण से बहुत लोगों को वंचित कर दिया जाएगा. अब समय आ गया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में एससी/ एसटी वर्ग के लोगों के लिए भी पद आरक्षित किए जाएं. मेरा एससी/एसटी समाज के लोगों से कहना है कि 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय को लेकर कांग्रेस पार्टी अभी तक चुप क्यों बैठी है? ये इन वर्गों को सोचना चाहिए और क्यों किसी राज्य में कांग्रेस अभी तक कुछ नहीं बोली. आम आदमी पार्टी भी अपना पक्ष इस फ़ैसले पर स्पष्ट करे. ये सब दोगली बात करते हैं. चुनाव के दौरान ये सभी पार्टी आरक्षण और संविधान बचाने के मुद्दों को लेकर जनता के सामने आई थी और एससी/एसटी वर्ग के लोगों ने इन्हें वोट किया था. ये सब पार्टी अब क्यों चुप हैं? ये चुनाव में तो बड़ी-बड़ी बात कर रहे थे.

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पीएम से मेरा कहना है कि इन वर्गों के मामले में अगर नीयत साफ़ है तो तत्काल हाउस बुलाएं और इसपर चर्चा करें. वरना अब जिन भी राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं, इन वर्गों के लोग बीजेपी को माफ़ नहीं करेंगे और ना कांग्रेस एंड कंपनी को माफ़ करेंगे. चुनाव के दौरान ये पार्टी के लोग हर रैली में संविधान दिखा रहे थे. लेकिन अब इस मामले को लेकर क्यों चुप हैं?

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