बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने रविवार को कहा कि बहुजन समाज आजादी के 75 वर्षों में अपने कानूनी और संवैधानिक अधिकार मांगते-मांगते थक गया है और अब उसे पूरी ताकत के साथ ‘हुक्मरान समाज' बनने के अभियान में जुटना होगा. मायावती ने बसपा संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में यह बात कही.
उन्होंने लिखा कि बहुजन समाज आजादी के बाद 75 वर्षों में अपना कानूनी व संवैधानिक हक मांगते-मांगते थक गया है. अब उसे पूरी ताकत के साथ ‘हुक्मरान समाज' बनने के अभियान में जुट जाना होगा. उन्होंने यह साफ किया कि उत्तर प्रदेश में होने वाला अगला कोई भी चुनाव आपके लिए परीक्षा हो सकता है, जिसमें सफलता उम्मीद की नयी किरण साबित होगी.
मायावती ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “देशभर, खासकर उत्तर प्रदेश, के लोगों ने यहां चार बार अपनी पार्टी की सत्ता प्राप्त करके यह देख लिया है कि सत्ता वह मास्टर चाबी है, जिससे तरक्की के बंद दरवाजे खुल सकते हैं, इसीलिए यह अभियान हर कीमत पर जरूर जारी रहना चाहिए. यही आज के दिन का संदेश है और इसी संकल्प के साथ कार्य भी करना है.”
बसपा अध्यक्ष ने कांशीराम को श्रद्धांजलि देते हुए एक अन्य ट्वीट में कहा, “बहुजन समाज को राजनीतिक शक्ति में उत्थान कर ‘हुक्मरान समाज' बनाने के लिए बामसेफ, डीएस-4 और बहुजन समाज पार्टी के जन्मदाता व संस्थापक मान्यवर कांशीराम जी को आज उनकी पुण्यतिथि पर नमन व अपार श्रद्धा-सुमन अर्पित. उन्हें नमन कर रहे उनके सभी अनुयायियों का तहेदिल से आभार.”
इस बीच, राज्य की राजधानी में बसपा कार्यालय के पास पार्टी कार्यकर्ताओं ने होर्डिंग लगाया था जिसमें बसपा प्रमुख मायावती को 'लौह महिला' कहा गया है. संपर्क करने पर, बसपा एमएलसी भीमराव अंबेडकर ने कहा कि बहनजी (मायावती) ने पहली बार मुख्यमंत्री बनने पर आपराधिक तत्वों से मजबूती से निपटने के बाद (लौह महिला) खिताब अर्जित किया था.
उन्होंने कहा कि इस बार पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपने स्नेह और लगाव के कारण एक होर्डिंग पर 'लौह महिला' के रूप में उनका उल्लेख किया.
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