नवी मुंबई का होटल, वीडियो कॉल और अनमोल बिश्नोई... बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में बड़ा खुलासा

बाबा सिद्दीकी की हत्या की प्लानिंग के लिए आखिरी बैठक अगस्त 2024 में नवी मुंबई के कलंबोली के एक होटल में हुई थी. इस बैठक में अनमोल बिश्नोई भी पुर्तगाल से वीडियो कॉल द्वारा जुड़ा था.

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अनमोल बिश्नोई का आदेश था- बाबा सिद्दीकी किसी भी कीमत पर मारा जाना चाहिए
मुंबई:

बाबा सिद्दीकी की हत्या (Baba Siddiqui Murder Case) से जुड़ा एक नया राज सामने आया है. बाबा सिद्दिकी हत्या की प्लानिंग के आखरी दौर की बैठक नवी मुंबई के होटल में हुई थी. अनमोल बिश्नोई भी इस मीटिंग में वीडियो कॉल से जुड़ा था. एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा दायर की गई चार्जशीट में ये बड़ा खुलासा किया गया है. बाबा सिद्दीकी की हत्या की प्लानिंग के लिए आखिरी बैठक अगस्त 2024 में नवी मुंबई के कलंबोली के एक होटल में हुई थी. इस बैठक में अनमोल बिश्नोई भी पुर्तगाल से वीडियो कॉल द्वारा जुड़ा था. चार्जशीट के अनुसार, आरोपी राम कनोजिया ने अपने बयान में बताया है कि इस बैठक में शुभम लोनकर, नितिन सप्रे, राम कनौजिया और अन्य आरोपी भी शामिल थे. बैठक के दौरान अनमोल ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि बाबा सिद्दीकी किसी भी कीमत पर मारा जाना चाहिए.

वहीं, मामले में एक अन्य आरोपी हरीश कुमार निषाद ने भी अपने बयान में काफी खुलासे किए हैं. चार्जशीट में दर्ज हरीश कुमार के बयान के अनुसार, उसे वांटेड आरोपी शुभम लोनकर ने साजिश में शामिल किया था, जिसने गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई की ओर से उसे 10 लाख रुपये देने का वादा किया था. निषाद का मानना ​​था कि यह रकम पुणे में उसके स्क्रैप व्यवसाय को बढ़ाने में काफी मदद करेगी. निषाद ने आगे दावा किया कि चूंकि वास्तविक शूटिंग शिवा, गुरमेल और धर्मराज द्वारा की जानी थी, इसलिए उसने सोचा कि उसे सीधे तौर पर हत्या में नहीं फंसाया जाएगा. 

हत्या के बाद आरोपी भाग गया, उसे अपने गांव से अपराध के बारे में पता चला. साजिश रचने के बाद, निशाद ने अपनी दुकान बंद कर दी और अपने गांव भाग गया. यहीं पर उसे बाबा सिद्दीकी की हत्या के बारे में पता चला, जिसे तीन शूटरों ने अंजाम दिया था.

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वहीं, आरोपी हरीश कुमार ने अपने बयान में यह भी कह है कि हत्या से पहले शूटरों द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन पुणे के वारजे इलाके से खरीदे गए थे. हरीश कुमार ने दुकानदार को अपना परिचय 'राहुल कश्यप' के रूप में देकर फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल कर उन्हें खरीदने की बात स्वीकार की. रेकी के लिए इस्तेमाल की गई बाइक भी पुणे से 34,000 रुपये में खरीदी गई थीं.

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