बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के आरोपी प्रवीण लोनकर को 21 अक्टूबर तक पुलिस कस्टडी में भेजा

पुलिस का कहना है कि सिद्दीकी हत्याकांड में 15 टीम गठित की गई हैं, जो महाराष्ट्र से बाहर गई हैं और ये पता लगाने के लिए जांच की जा रही हैं कि शूटरों को हथियार किसने दिया.

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मुंबई:

महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के एक आरोपी प्रवीण लोनकर को 21 अक्टूबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है. इस हत्याकांड में गिरफ़्तार तीसरे आरोपी प्रवीण लोनकर को पेशी के लिए मुंबई के किला कोर्ट लाया गया था. जहां कोर्ट ने उसे 7 दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया.

मुंबई पुलिस ने रविवार देर शाम बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में आरोपी 28 वर्षीय प्रवीण लोनकर को पुणे से गिरफ्तार किया था. आरोप है कि उसने अपने भाई के साथ मिलकर तीन कथित शूटरों में से दो को ये काम सौंपा था.

प्रवीण लोनकर को पुलिस ने ‘सह-साजिशकर्ता' बताया है और कहा कि वो उसके भाई शुभम लोनकर की भी तलाश कर रही है. मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

अपराध शाखा के अधिकारी के अनुसार, प्रवीण और शुभम ने दो कथित शूटरों को हत्या का काम सौंपा था, जिनमें से एक उत्तर प्रदेश का निवासी है और दूसरे का नाम शिवकुमार गौतम है.

गौतम फरार है, जबकि पुलिस ने उत्तर प्रदेश के निवासी और एक अन्य कथित शूटर को गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी पहचान गुरमेल बलजीत सिंह (23) के रूप में हुई है.

अधिकारी ने बताया कि पुलिस शुभम लोनकर की तलाश में पुणे गई थी, लेकिन वो वहां नहीं मिला. इसके बाद, पुलिस ने उसके भाई प्रवीण को अपराध में कथित संलिप्तता को लेकर गिरफ्तार कर लिया.

66 साल के सिद्दीकी को शनिवार रात मुंबई के बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन लोगों ने गोली मार दी थी, जिसके बाद उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने 15 टीम गठित की हैं, जो महाराष्ट्र से बाहर गई हैं और ये पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि शूटरों को किसने हथियार दिया.

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मुंबई पुलिस उस सोशल मीडिया पोस्ट का भी सत्यापन कर रही है, जिसमें लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के एक कथित सदस्य ने सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी ली है.

अधिकारियों के अनुसार, अपराध शाखा विभिन्न पहलुओं से भी जांच कर रही है, जिसमें सुपारी देकर हत्या कराए जाने, व्यवसाय या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता या झुग्गी पुनर्वास परियोजना को लेकर धमकी के संभावित पहलू शामिल है.

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