समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान की गिनती समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं में होती रही है. सपा सरकार में वह कैबिनेट मंत्री थे और कई महत्वपूर्ण मंत्रालय उनके पास थे. उनको Y+ सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद भारतीय जनता पार्टी सरकार आई और उनके बुरे दिन शुरू हुए उनके ऊपर 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए और दो मामलों में उनको सजा हुई, जिसके बाद वह सीतापुर जेल में बंद रहे. पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को वाई+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है, जिसे कोर्ट में दोषी पाए जाने के बाद जेल जाने पर वापस ले लिया गया था.
सीतापुर जेल से रिहा होकर अब 23 माह बाद आजम खान जेल से जमानत पर बाहर आ गए हैं. उनके जेल से आने के बाद से ही घर पर मिलने वालों का आना जाना लगातार जारी है, इसी को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने उनको मिली वाई+ श्रेणी की सुरक्षा को भी वापस दिया गया है. अब उनके आवास पर पांच सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे तथा तीन गुनार उनकी निजी सुरक्षा में उनके साथ रहेंगे.
जेल से रिहा होने के दिन पुलिस प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के लिए जवानों को भेजा था, लेकिन उस समय आजम खान ने सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया था. उन्होंने पुलिस लाइन से आए गार्ड और गनर को वापस भेज दिया था हालांकि, अब प्रशासन ने फिर से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है.
आजम खान के जेल से रिहा होने के बाद उनके रामपुर स्थित आवास पर समर्थकों और शुभचिंतकों का तांता लगा हुआ है. लगातार बढ़ रही भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का निर्णय लिया. यह कदम न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, बल्कि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी जरूरी माना जा रहा है. सपा नेता आजम खान लंबे समय से उत्तर प्रदेश की सियासत में एक प्रभावशाली चेहरा रहे हैं. उनकी रिहाई और सुरक्षा बहाली को लेकर सियासी गलियारों में भी चर्चाओं का बाजार गर्म है. (इनपुट IANS से भी)