Exclusive: ऐसा होगा राम मंदिर - 51 इंच की रामलला की मूर्ति, बुजुर्गों के लिए लिफ्ट और 25 हजार लॉकर की सुविधा

Ram Mandir Ayodhya: चंपत मिश्रा ने कहा कि अगले साल के अंत तक 7 मंदिर और बनाये जाएंगे. इसमें महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी और अहिल्या जी का मंदिर शामिल है.

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नई दिल्ली:

अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तैयारी जारी है. NDTV की टीम ने मंदिर परिसर में पहुंचकर तैयारी का जायजा लिया.श्री राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Mandir Trust) के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) ने मंदिर और उसके निर्माण से जुड़ी कई अहम जानकारियां दी. राम जन्मभूमि का मैप दिखाते हुए उन्होंने बताया कि 70 एकड़ ज़मीन में मंदिर बन रहा है. पूरे परिसर के उत्तरी हिस्से में मंदिर बन रहा है. जिस जगह मंदिर बन रहा है उसी जगह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विवाद था, जिसका फ़ैसला हिंदुओं के पक्ष में आया. 3 मंज़िला मंदिर का ग्राउंड फ्लोर का काम पूरा हो गया, फर्स्ट फ्लोर का काम चल रहा है.

मंदिर के चारों तरफ बनाई जा रही है दीवार

चंपत राय ने बताया कि मंदिर के चारों तरफ एक दीवार बनाई जा रही है. इसे परकोटा कहते हैं. ये दीवार सुरक्षा दीवार है. परकोटे का कॉन्सेप्ट दक्षिण भारत के मंदिरों से लिया गया है. 732 मीटर का परकोटा है. इसकी दीवार 14 फुट चौड़ी है. दीवार भी डबल स्टोरी है. परकोटे के निचले भाग में दफ्तर होगा और ऊपर परिक्रमा मार्ग बनाया जा रहा है. परकोटे के चारों कोने पर कुल 6 मंदिर है.

एक कोने पर सूर्य भगवान का मंदिर, दूसरे कोने में शंकर जी का मंदिर होगा, तीसरे पर भगवती का मंदिर होगा और चौथे कोने पर गणेश जी का मंदिर होगा. इसके अलावा एक मंदिर विष्णु जी और हनुमान जी का होगा. परकोटे का काम 6 से 8 महीने में पूरा होगा. मंदिर के पीछे एक लिफ्ट बनाई गई है जिससे दिव्यांग और बुजुर्ग मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे. साथ ही एक रैम्प भी तैयार कराया जा रहा है.

 अगले साल के अंत तक 7 मंदिर और बनाये जाएंगे

अगले साल के अंत तक 7 मंदिर और बनाये जाएंगे. इसमें महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी और अहिल्या जी का मंदिर शामिल है. जटायु की स्थापना अयोध्या में कुबेर टीले पर की गई है. तीर्थयात्रियों के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है. 25 हज़ार यात्रियों के सामान रखने के लिए मंदिर परिसर में लॉकर बनाये जा रहे हैं. परिसर के अंदर एक छोटा सा अस्पताल बनाया जा रहा है. गर्मियों में पैर न जलें, इसकी व्यवस्था की जा रही है. शौचालय का बड़ा कॉम्प्लेक्स भी बनाया जा रहा है. 

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राम मंदिर में शौचालय की गंदगी ख़त्म करने के लिए पास में 2 सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तैयार कराया जा रहा है. पावर हाउस से डायरेक्ट बिजली सप्लाई होगी. सीवर, वाटर और इलेक्ट्रिकल सप्लाई की व्यवस्था ट्रस्ट खुद करेगा. 70 एकड़ में से सिर्फ 20 एकड़ में निर्माण हो रहा है, बाक़ी 50 एकड़ ज़मीन में हरियाली होगी. 

मंदिर का प्लिंथ 21 फ़ीट ऊंचा है

उत्तर भारत मे राम मंदिर जैसा निर्माण नहीं हुआ था. मंदिर निर्माण के लिए सबसे पहले कई संस्थाओं से मिट्टी परीक्षण कराया गया. निर्माण शुरू करने से पहले 2 महीने तक लगातार बैठकें की गईं. 2 लाख घनमीटर मिट्टी हटाई गई. फिर ख़ाली हुई जगह पर एक विशेष तौर पर तैयार किये गए कांक्रीट तैयार कराए गए. ज़मीन के भीतर 14 मीटर गहराई में कृत्रिम पत्थरों की 56 लेयर लगाए गए. इन पत्थरों को पानी से नुकसान न हो, इसके लिए 17 हज़ार ग्रेनाइट के ब्लॉक्स लगाए गए. मंदिर का प्लिंथ 21 फ़ीट ऊंचा है. ये सब होने के बाद मई 2022 से मंदिर का निर्माण शुरू हुआ.

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मंदिर में राजस्थान के भरतपुर के बंसी पहाड़पुर से पत्थर मंगाए गए. लगभग 5 लाख पत्थर मंदिर में लगाये जा रहे हैं. मंदिर का फर्श मकराना मार्बल है. गर्भ गृह के अंदर पूरा मकराना मार्बल से काम किया गया है. 

रामलला की मूर्ति 5 साल के भगवान राम की होगी

प्राण प्रतिष्ठा गर्भ गृह में होगी, इसका काम लगभग पूरा हो गया है. पीएम के 30 दिसंबर के दौरे से पहले तैयारी की जा रही है ताकि अगर पीएम का प्लान बन जाये तो तैयारी पूरी रहे. मंदिर की उम्र लगभग 1000 साल रहेगी. रामलला की मूर्ति 5 साल के भगवान राम की होगी. मूर्ति की ऊंचाई 51 इंच होगी. ललाट के ऊपर का हिस्सा अलग है. मूर्ति खड़ी होगी. मूर्ति 3 कलाकार बना रहे हैं. तीनों में जो सबसे अच्छी मूर्ति होगी, उसे चयनित किया जाएगा. मूर्ति खड़ी मुद्रा में भगवान राम की होगी. मूर्ति भी मकराना के पत्थरों की हो सकती है.

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प्राण प्रतिष्ठा की पूजन विधि 16 जनवरी से शुरू होगी जो 22 जनवरी तक चलेगी. अंतिम पूजा 12.20 बजे होगी. पीएम, संघ प्रमुख, राज्यपाल, योगी आदित्यनाथ, महंत नृत्य गोपाल दास प्राण प्रतिष्ठा में मौजूद रहेंगे. इनके अलावा वनवासी संत, घुमन्तु संत, खेल जगत, वैज्ञानिक, राजनीति, सैनिक, कवि, लेखक, साहित्यकार, उद्योगिक जगत के लोग शामिल होंगे.

22 जनवरी की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 48 दिन तक मंडल पूजन होगा. उडुपी के महंत विश्व प्रसन्न तीर्थ जी कराएंगे. सूर्यवंशी भगवान राम की मूर्ति पर सूर्य की किरण पहुंचे, इसके लिए अंतरिक्ष वैज्ञानिकों से मदद ली गई है. आमंत्रण सिर्फ राम के भक्तों को दिया जाएगा. मंदिर के दूसरे तल पर राम दरबार बनाने का प्लान है. 

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