18वीं लोकसभा के सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है. आज भी नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है. विपक्ष की तरफ से आज कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव, मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव, कैराना से सांसद इकरा हसन ने शपथ ली. INDIA अलायंस के ज्यादातर सांसद शपथ लेने के लिए हाथ में संविधान की कॉपी लेकर पहुंचे थे. इस बीच फैजाबाद सीट से सपा सांसद अवधेश प्रसाद जैसे ही शपथ लेने आए, सदन में 'जय श्री राम' के नारे लगाए जाने लगे. सपा सांसदों ने जय श्रीराम के साथ ही जय अवधेश के भी नारे लगाए. प्रसाद ने भी हाथ जोड़कर सांसदों का अभिवादन स्वीकार किया. फैजाबाद वह सीट है, जहां पर अयोध्या का राम मंदिर आता है.
सांसद पद की शपथ लेने के बाद अवधेश प्रसाद ने हाथ में संविधान भी उठाया और संविधान जिंदाबाद के नारे लगाए. दिवंगत मुलायम सिंह यादव को याद करते हुए अवधेश प्रसाद ने कहा, "नेताजी अमर रहें."
प्रसाद ने BJP के लल्लू सिंह को हराया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी के बाद सबसे ज्यादा फोकस फैजाबाद और अयोध्या में ही था. हालांकि, पूरी ताकत झोंकने के बाद भी BJP को यहां से हार का सामना करना पड़ा. सपा के अवधेश प्रसाद ने 54567 वोटों से BJP के लल्लू सिंह को हरा दिया.
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पहली बार सांसद चुने गए हैं अवधेश प्रसाद
अवधेश प्रसाद पहली बार फैजाबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार संसद पहुंचे हैं. सोमवार को सत्र की शुरुआत के पहले दिन सभी की निगाह उन्हीं पर टिकी हुई थी. सदन के अंदर भी अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने उन्हें अपने साथ पहली लाइन में बिठाया था.
21 साल से राजनीति में एक्टिव
अवधेश प्रसाद 21 साल की उम्र से ही राजनीति में एक्टिव हो गए थे. वह पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व वाले भारतीय क्रांति दल में भी रह चुके हैं. सांसद बनने से पहले अवधेश प्रसाद अयोध्या जनपद की मिल्कीपुर विधानसभा से सपा के विधायक थे. वह लंबे समय से सपा के साथ जुड़े हुए हैं. मुलायम सिंह के करीबियों में उनका नाम आता है.
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लगातार 9 बार चुने गए विधायक
उन्होंने 1977 में पहली बार अयोध्या जनपद की सोहावल विधानसभा से चुनाव जीता था. इसके बाद वह 1985, 1989, 1996, 2002, 2007 औरर 2012 तक लगातार विधानसभा का चुनाव जीतते रहे हैं. हालांकि, 2017 में उनका विजयी रथ BJP ने रोका था. मिल्कीपुर विधानसभा में BJP के गोरखनाथ बाबा ने उन्हें हरा दिया था.
समाजवादी पार्टी की स्थापना से ही जुड़े रहे अवधेश प्रसाद दलित समाज से हैं. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण और BJP के राष्ट्र प्रेम मुद्दे को कोई चुनौती पेश कर सकता है, तो वह अवधेश प्रसाद जैसा नेता ही हो सकते हैं.