- अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के औपचारिक समापन के अवसर पर भव्य धार्मिक उत्सव का आयोजन
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आरएसएस के मोहन भागवत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल
- मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना और ध्वजारोहण के बाद आम जनता के लिए दर्शन फिर से खुलेगा
उत्तर प्रदेश के अयोध्या राममंदिर के राम दरबार की आज की मनमोहक तस्वीर सामने आई है. ये तस्वीर इतनी सुंदर लग रही है कि इसने हर किसी का मन मोह लिया. भगवान के इस स्वरूप ने दरबार की रौनक और बढ़ा दी है. अयोध्या मंगलवार सुबह आध्यात्मिक उत्साह और भक्ति में डूबी नजर आई, जब राम मंदिर निर्माण के औपचारिक समापन के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आगमन से पहले पूरी नगरी ‘जय श्री राम' के नारों से गुंजायमान हो उठी.
गलियों, घाटों और मंदिरों में श्रद्धालुओं का जमावड़ा
साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में विशेष पूजा-अर्चना की भोर होते ही गलियों, घाटों और मंदिरों में श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया. रायबरेली के डलमऊ से आए स्वामी नरोत्तमानंद गिरि ने कहा, ‘‘यह अत्यंत सौभाग्य का दिन है. यह क्षण घोर तपस्या के बाद आया है और ध्वजारोहण में शामिल होना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य की बात है.'
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संत देवेंद्रानंद गिरि भावुक नजर आए
राम मंदिर आंदोलन के शुरुआती दौर से जुड़े 95 वर्षीय संत देवेंद्रानंद गिरि भावुक नजर आए. उन्होंने कहा कि जीवन में इस दिन को देखने की उम्मीद उन्होंने कभी नहीं की थी. उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो' से कहा, ‘‘इस उम्र में मंदिर का निर्माण पूरा होते देखना मुझे अपार आनंद देता है.'' राम मंदिर ट्रस्ट के विशेष आमंत्रित सदस्य गोपाल राव ने कहा कि समारोह में मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत शामिल होंगे.
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पीएम मोदी बनेंगे ऐतिहासिक पल के साक्षी
उन्होंने कहा, ‘‘अनुष्ठान पूरे हो चुके हैं. प्रधानमंत्री सुबह परिसर में प्रवेश करेंगे और लगभग 1.30 बजे तक रहेंगे. इस दौरान दर्शन, पूजा, ध्वजारोहण और संबोधन होगा.''राव ने कहा कि आम जनता के लिए दर्शन मंगलवार शाम से फिर से शुरू हो सकते हैं. समारोह के लिए तड़के ही अयोध्या नगरी पहुंचने वालों में एक बुजुर्ग श्रद्धालु भी थे, जिन्होंने कहा, ‘‘यह क्षण 500 वर्षों के बाद आया है. हमारे पूर्वजों ने इस दिन का इंतज़ार किया और त्याग किया, हम इसे देखकर धन्य हैं.'














