- दिल्ली के आया नगर में रतन लोहिया की हत्या में 72 गोलियां चलीं, जिसमें 69 गोलियां सीधे उनकी बॉडी में लगीं
- पुलिस का मानना है कि यह हत्या पुरानी पारिवारिक दुश्मनी और सुपारी लेकर की गई साजिश का परिणाम है
- हत्या सुबह पांच बजे तब हुई जब रतन लोहिया अपने घर से डेयरी जाने के लिए निकले थे
दिल्ली के आया नगर में बीते दिनों दिल दहला देने वाली हत्या की वारदात हुई. यहां रतन लोहिया नाम के शख्य पर 1,2,3 नहीं पूरी 69 गोलियां दागी गईं. आया नगर में हुई रतन लोहिया की हत्या ने दिल्लीवालों को हिलाकर रख दिया है. उन पर 72 गोलियां दागी गईं, जिनमें से 69 रतन लोहिया को लगीं. 24 घंटे तक पोस्टमार्टम चला, जिसमें सभी गोलियां रतन लोहिया की बॉडी से निकाली गईं. पुलिस का कहना है कि यह एक सोची-समझी प्लानिंग के तहत की गई हत्या है, जो पुरानी चली आ रही पारिवारिक दुश्मनी का नतीजा है. पुलिस को इस वारदात के पीछे सुपारी लेकर हत्या करने का भी संदेह है. रतन लोहिया की बेटी का कहना है कि मेरे पिताजी ने कुछ नहीं किया था. वह अपनी साधारण जिंदगी जी रहे थे. 72 गोलियां मारी गईं, ऐसा तो कोई आतंकी भी नहीं करता.
सुपारी लेकर हत्या!
किसी शख्स पर 72 गोलियां कोई दुश्मन ही दाग सकता है, क्योंकि मारने के लिए तो 1-2 गोलियां ही काफी होती हैं. पुलिस हत्या को पारिवारिक रंजिश मानकर चल रही है. दक्षिण दिल्ली के आया नगर में सुबह करीब 5 बजे हुई इस घटना को लेकर पुलिस अभी ज्यादा कुछ बता नहीं रही है. बताया जा रहा है कि रतन लोहिया की हत्या उस समय हुई, जब वह अपने घर से डेयरी जाने के लिए निकले ही थे. एक पुलिस सूत्र ने बताया, 'हम कई पहलुओं की जांच कर रहे हैं, जिनमें सुपारी लेकर हत्या करना भी शामिल है. परिवार का आरोप है कि यह हत्या रामबीर लोहिया और उनके रिश्तेदारों ने रामबीर के बेटे अरुण (24) की मौत का बदला लेने के लिए की है. अरुण की इस साल की शुरुआत में छतरपुर मेट्रो स्टेशन के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.'
हत्या में विदेशी पिस्तौल का इस्तेमाल
पुलिस सूत्र ने बताया, 'हमलावरों के एक ग्रुप ने कथित तौर पर लोहिया को घेर लिया और उन पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 70 से अधिक गोलियां दागी गईं. लोहिया की मौके पर ही मौत हो गई. जांच में कुख्यात गैंगस्टर नीरज फरीदपुरिया की कथित संलिप्तता भी सामने आई है, जो विदेश से ऑपरेट करता है.' सूत्रों ने यह भी बताया कि घटनास्थल से कई 9 मिमी कारतूस के खोखे बरामद हुए हैं, जो विदेशी पिस्तौल के इस्तेमाल का संकेत देते हैं.' परिवार का कहना है कि रतन लोहिया को इस बेरहम तरीक़े से 10-15 लोगों ने मारा, उसमें मुख्य तौर पर मृतक अरुण के चाचा कमल लोहिया उसके भाई अंकित लोहिया के साथ कुछ बड़े शूटर भी शामिल हैं.
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क्यों की गई रतन की बेरहमी से हत्या?
आया नगर गांव में रहने वाले दीपक और अरुण कभी दोस्त हुआ करते थे, लेकिन पैसे के विवाद में साल भर पहले दोनों में दुश्मनी हो गई. इसी विवाद में अरुण ने दीपक की पिटाई कर दी. इसके जवाब में दीपक ने पिछले साल छतरपुर में अरुण की कथिततौर पर हत्या कर दी. दीपक अब जेल में है, लेकिन अरुण की जान का बदला दीपक के पिता रतन कुमार लोहिया की हत्या करके ली गई. अरुण दीपक की दुश्मनी की वजह से जान के डर से दीपक का छोटा भाई विदेश भाग गया है. दीपक के घर में अब उसकी मां और तीन बहन रह गए हैं.













