भारत में कंपनियों के सीईओ का औसत वेतन 10 करोड़ रुपये पर पहुंचाः डेलॉयट

रिपोर्ट के मुताबिक, सीईओ के बाद कंपनियों के सीओओ और सीएफओ सबसे अधिक वेतन पाने वाले कार्यकारी बने हुए हैं. जहां सीईओ का औसत वेतन 10 करोड़ रुपये हो गयाहै, वहीं सीओओ-सीएफओ का औसत वेतन पैकेज करीब चार करोड़ रुपये है.

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सीईओ को मिलने वाले कुल वेतन पैकेज का केवल 40 प्रतिशत हिस्सा ही निश्चित है. (प्रतीकात्‍मक)
नई दिल्‍ली :

भारत में कंपनियों के पेशेवर मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) का औसत वेतन पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत बढ़कर 10 करोड़ रुपये हो गया है. एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. पेशेवर सेवा फर्म डेलॉयट इंडिया की यह सर्वेक्षण रिपोर्ट कहती है कि सीईओ को मिलने वाले कुल वेतन पैकेज का केवल 40 प्रतिशत हिस्सा ही निश्चित है. शेष 60 प्रतिशत हिस्सा जोखिम पर आधारित है जिसमें अल्पकालिक प्रोत्साहन (25 प्रतिशत) और दीर्घकालिक प्रोत्साहन (35 प्रतिशत) शामिल होते हैं.

इसके साथ ही कंपनियों के अन्य शीर्ष अधिकारियों मसलन, मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ), मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) और मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (सीएचआरओ) के वेतन में भी सालाना आधार पर सात से 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.

CEO के बाद COO-CFO को सबसे ज्‍यादा वेतन

रिपोर्ट के मुताबिक, सीईओ के बाद कंपनियों के सीओओ और सीएफओ सबसे अधिक वेतन पाने वाले कार्यकारी बने हुए हैं. उनका औसत वेतन पैकेज लगभग चार करोड़ रुपये है.

डेलॉयट इंडिया में साझेदार आनंदोरूप घोष ने कहा, ‘‘भारत में शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों का पारिश्रमिक लगातार बढ़ रहा है क्योंकि इस प्रतिभा खंड में आपूर्ति सीमित और मांग अधिक है.''

वेतन पर नहीं दिखा नकारात्‍मक प्रभाव: घोष

घोष ने कहा कि इक्विटी बाजारों में जारी गिरावट का इन शीर्ष अधिकारियों के वेतन पर नकारात्मक प्रभाव अभी तक नहीं दिखा है लेकिन इनके वेतन पैकेज का एक हिस्सा इक्विटी बाजार से जुड़ा होने के कारण अगले साल के आंकड़ों में उसका असर दिख सकता है.

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि कंपनियां अब शीर्ष कार्यकारी पदों पर दिए जाने वाले अल्पकालिक प्रोत्साहनों में वित्तीय प्रदर्शन के अलावा समग्र कार्यात्मक या व्यावसायिक प्रदर्शन आकलन पर अधिक ध्यान दे रही हैं. हालांकि, दीर्घकालिक प्रोत्साहन काफी हद तक वित्तीय प्रदर्शन पर ही निर्भर करता है.

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शीर्ष अधिकारियों का कार्यकाल हो रहा छोटा

डेलॉयट इंडिया के निदेशक दिनकर पवन ने कहा, ‘‘शेयर-आधारित वेतन अब अधिक जटिल होता जा रहा है और नए प्रस्तावों की गहन जांच की जा रही है ताकि सभी हितधारकों के हितों की रक्षा हो सके.''

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि सीईओ और अन्य शीर्ष अधिकारियों का कार्यकाल छोटा हो रहा है और उनसे प्रदर्शन की अपेक्षाएं बढ़ रही हैं. इसकी वजह से वेतन और लाभ पर दबाव बढ़ रहा है.
 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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