- कांगड़ा जिले की बीड़ बिलिंग घाटी में विदेशी पैराग्लाइडर पायलटों के क्रैश लैंडिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं
- ऑस्ट्रिया के पायलट जैकब क्रेमर 14 हजार फीट की ऊंचाई पर बर्फीले पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त हो गए
- रेस्क्यू टीम ने हेलीकॉप्टर से पायलट को सुरक्षित निकालकर छोटा भंगाल घाटी के डैहनसर झील के पास पहुंचाया
हिमाचल प्रदेश के जिले कांगड़ा की विश्व प्रसिद्ध पैराग्लाइडिंग घाटी बीड़ बिलिंग में आज कल कई विदेशी पायलटों ने डेरा डाला है. लेकिन जब वो उड़ान भर रहे हैं तो रास्ता भटक रहे हैं. ऐसी जगह पर क्रैश लैंडिंग हो रही हैं, जहां पहुंचना मुश्किल हो रहा है. ऐसा ही विदेशी पायलट 14 हजार फीट की ऊंचाई पर मौत के मुंह में फंस गया, जिसे बचाव अभियान चलाकर बमुश्किल सुरक्षित निकाला गया.
ऑस्ट्रिया के पायलट जैकब क्रेमर ने 20 अक्तूबर को सुबह साढ़े 9 बजे बिलिंग घाटी से उड़ान भरी और कुछ ही देरी में हवाओं में उनका पैराग्लाइडर ऐसा उलझा कि रास्ता भटक कर बर्फ से ढंके पहाड़ों में पहुंच गया. सुबह 11 बजे के लगभग छोटा छोटा भंगाल के साथ की पहाड़ी पर क्रैश लैंडिंग हुई 14 हजार फीट की ऊंचाई पर पायलट ने लैंडिंग कर ली.
Himachal
गनीमत यह रही की कोई चोट पायलट को नहीं आई लैंडिंग के तुरंत बाद SOS के ज़रिए 11:12 मिनट पर दिल्ली एटीसी को सहायता के लिए मैसेज किया. लगभग कई घंटों बाद शाम 6:27 पर एटीसी दिल्ली ने बीड़ बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन से संपर्क में आया उसी समय बीपीए ने तुरंत कार्यवाही करते हुए अपनी माउंटेन पैरा रेस्क्यू टीम को अलर्ट किया.
माउंटेन पैरा रेस्क्यू की आठ सदस्यी टीम ने सुरेश ठाकुर को अध्यक्षता में बचाव अभियान शुरू किया. 21 अक्टूबर की सुबह आठ बजे हेलीकॉप्टर के माध्यम से लोकेशन पर पहुंचने का काम शुरू किया गया. दो सॉर्टी (उड़ान) के बाद तीसरे प्रयास में एक अच्छी खबर आई और पायलट तक पहुंच गए और पैराग्लाइडिंग के लिए अच्छी खबर आई और पायलट को 14000 हजार फीट की ऊंचाई से सुरक्षित निकाल लिया गया.
पैराग्लाइडर पायलट को छोटा भंगाल घाटी में डैहनसर झील के समीप 14000 फीट की ऊंचाई से सुरक्षित निकाला गया. बीपीए और माउंटेन पैरा रेस्क्यू की टीम ने हेलीकॉप्टर के जरिये उनका रेस्क्यू किया. इस सफल बचाव अभियान के बाद बीपीए की टीम खुशी से झूम उठी.