बहुजन समाज पार्टी (BSP) के सांसद दानिश अली ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य रमेश बिधूड़ी की ‘आपत्तिजनक' टिप्पणी के मामले में उन्हें आरोपी बनाने का प्रयास हो रहा है, जबकि वह पीड़ित हैं. उन्होंने बिरला से यह आग्रह भी किया कि वह 21 सितंबर की लोकसभा कार्यवाही का वीडियो फुटेज निकलवाएं और उसे विशेषाधिकार समिति के सदस्यों के बीच प्रसारित करें ताकि ‘झूठ का पर्दाफाश हो सके और असली दोषी की पहचान कर मामले को स्पष्ट करने में मदद मिल सके.'
लोकसभा की विशेषाधिकार समिति ने दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी को आगामी सात दिसंबर को तलब किया है.
समिति ने 7 दिसंबर को मौखिक साक्ष्य देने के लिए दानिश अली को भी बुलाया है. बिधूड़ी से कहा गया है कि वह बसपा सांसद समिति के सामने पेश होने के बाद उसी दिन पेश हों.
दानिश अली ने बिरला को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं अपनी शिकायत को रमेश बिधूड़ी द्वारा लगाए गए मनगढ़ंत, निराधार और ध्यान भटकाने वाले आरोपों के साथ जोड़ने पर अपना आश्चर्य व्यक्त करना चाहता हूं. बिधूड़ी के खिलाफ 22 सितंबर, 2023 को मूल शिकायत दर्ज की गई थी. मैं आपका ध्यान लोकसभा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा लोकसभा में मेरे खिलाफ अपमानजनक और अभद्र भाषा के उपयोग के संबंध में अपनी उक्त शिकायत की ओर आकर्षित करना चाहता हूं.''
उन्होंने अपने पत्र में कुछ उन आपत्तिजनक शब्दों का उल्लेख किया जिनका इस्तेमाल बिधूड़ी ने अली के खिलाफ सदन के भीतर किया था.
बसपा सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा, ‘‘मैंने बिधूड़ी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और आपसे त्वरित, सख्त और नजीर बनने वाली कार्रवाई की उम्मीद की थी ताकि भारतीय लोकतंत्र के पवित्र सदन में किसी भी सदस्य द्वारा अभद्र भाषा की पुनरावृत्ति को रोका जा सके.''
उन्होंने दावा किया, ‘‘मैं देख रहा हूं कि पीड़ित को आरोपी बनाकर ध्यान भटकाने का एक प्रयास हो रहा है. मुझे विशेषाधिकार समिति से जो नोटिस मिला है, उसमें मेरे खिलाफ मौखिक साक्ष्य मिलने की बात कही गयी है. यह अपमानजनक है. यदि विशेषाधिकार समिति मेरे खिलाफ मनगढ़ंत, दुर्भावनापूर्ण और स्पष्ट रूप से सोची-समझी शिकायतों को आधार बनाकर बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहती है तो यह न्याय का उपहास होगा.''
अली ने कहा, ‘‘मुझ पर एकतरफा और पूरी तरह से अकारण अभद्र और असंसदीय हमला किया गया था. इसे पूरे देश ने देखा क्योंकि कार्यवाही का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण हुआ.''
उन्होंने बिरला से आग्रह किया, ‘‘मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करना चाहता हूं कि आप उस दिन की लोकसभा कार्यवाही का वीडियो फुटेज निकलवाएं और कार्यवाही की रिकार्डिंग विशेषाधिकार समिति के सदस्यों के बीच प्रसारित करें. इससे फैलाए जा रहे झूठ का पर्दाफाश हो जाएगा और वास्तविक अपराधी की पहचान कर मामले को स्पष्ट करने में मदद मिलेगी.''
अली ने कहा, ‘‘यह मामला सदन की गरिमा की रक्षा से जुड़ा है और इसलिए मेरा आपसे अनुरोध है कि सदन के रिकॉर्ड को सख्ती से देखें और तथ्यों के आधार पर त्वरित निर्णय लें.''
‘चंद्रयान-3' की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां' विषय पर लोकसभा में चर्चा के दौरान गत 21 सितंबर को बिधूड़ी ने अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था.
इसके बाद, खुद दानिश अली के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस (TMC) की अपरूपा पोद्दार, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) की कनिमोई और विपक्ष के कई अन्य सदस्यों ने सदन के अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. इन सांसदों ने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का भी आग्रह किया था.
दूसरी तरफ, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और रवि किशन ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर दावा किया था कि पहले अली ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था. उन्होंने भी इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का आग्रह किया था.
लोकसभा अध्यक्ष ने सभी शिकायतों को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया था.