अतीक-अशरफ हत्याकांड: तीनों आरोपी 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजे गए

अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ को गत 15 अप्रैल को पुलिस द्वारा मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाते वक्त इन बदमाशों ने गोली मार दी थी.

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अतीक और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है.
प्रयागराज:

Atiq Ahmed murder case: गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले में गिरफ्तार लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या को सीजेएम कोर्ट ने पुलिस रिमांड पर भेजा दिया है. विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 7 दिनों की कस्टडी रिमांड मांगी गई थी. हालांकि सीजेएम कोर्ट ने तीनों आरोपियों की चार दिन की कस्टडी रिमांड की मंजूरी दी है. कस्टडी रिमांड पूरी होने के बाद अब 23, अप्रैल को आरोपियों को पुलिस कोर्ट में पेश करेगी.

पुलिस ने तीनों आरोपियों को प्रतापगढ़ जेल से लाकर आज सीजेएम कोर्ट में पेश किया था. आरोपियों की पेशी को लेकर जिला कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. 

हत्याकांड का क्राइम सीन रीक्रिएट करेगी SIT

एसआईटी आरोपियों को कस्टडी में लेकर अब पूछताछ करेगी. एसआईटी विवेचना में सबूत जुटाएगी और क्राइम सीन रीक्रिएट करेगी. आज शाम मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय काल्विन ले जाकर एसआईटी क्राइम सीन रीक्रिएट कर सकती है. एसआईटी तीनों आरोपियों का बयान अदालत की अनुमति से दर्ज कर चुकी है.

आरोपी पहले भी जा चुके हैं जेल

अतीक और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है.  पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि वो बड़ा माफिया बनना चाहते हैं, इसलिए उन्होंने इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया.

इन तीनों हत्यारों के परिवारवालों के अनुसार इनका परिवार से कोई मतलब नहीं है. हमलावर लवलेश तिवारी पहले भी जेल जा चुका है. शूटर लवलेश तिवारी के पिता यज्ञ तिवारी ने बताया था कि इससे पहले भी उनका बेटा एक मामले में जेल गया था. लवलेश नशा भी करता है. हमें कोई जानकारी नहीं की वह वहां कैसे पहुंच गया और हमें इससे कोई मतलब नहीं है. यह प्रयागराज में कब से है हमें नहीं पता.

शूटर सनी कुरारा निवासी पर थाने में 14 मुकदमे दर्ज है. हिस्ट्रीशीटर घोषित होने के बाद से सनी फरार चल रहा था. सनी पिछले करीब पांच साल से अपने घर नहीं आया था. सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने कहा कि यह कुछ नहीं करता था और इसके ऊपर पहले से भी मामले दर्ज़ हैं.

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तीसरा शूटर अरुण बचपन में ही घर छोड़कर चला गया था. साल 2010 में ट्रेन में एक पुलिस कर्मी की हत्या में भी इसका नाम आ चुका है. अरुण मौर्य दिल्ली की किसी फैक्ट्री में काम करता था. 

गैंगस्टर अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ को गत 15 अप्रैल को पुलिस द्वारा मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल ले जाते वक्त मीडियाकर्मियों के रूप में आये इन तीन बदमाशों ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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Video : अतीक-अशरफ हत्याकांड के आरोपी प्रतापगढ़ से लाए जा रहे हैं प्रयागराज

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