- ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपने 20 दिवसीय अंतरिक्ष मिशन का अनुभव साझा किया
- शुभांशु शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया होमवर्क उन्होंने पूरी निष्ठा से पूरा किया है.
- 1984 के बाद शुभांशु शुक्ला दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने, जो अंतरिक्ष में गए हैं
अंतरिक्ष मिशन से लौटने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपने 20 दिवसीय अंतरिक्ष मिशन और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिन के प्रवास के अनुभव साझा किया. एनडीटीवी से खास बातचीत के दौरान शुभांशु शुक्ला ने कहा मुझे प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया होमवर्क अच्छी तरह याद है. और मैंने उसे बखूबी पूरा किया. मैं वापस आकर आप सभी के साथ इसे साझा करने के लिए बहुत उत्साहित हूं. मुझे विश्वास है कि वह सारा ज्ञान हमारे लिए, हमारे अपने गगनयान मिशन के लिए, बेहद उपयोगी और महत्वपूर्ण साबित होगा.
एनडीटीवी के विज्ञान संपादक पल्लव बागला ने जब उनसे पूछा कि "भारत ने आप पर लगभग 70 मिलियन डॉलर का खर्च किया है. हमें फ़ायदा हुआ या नहीं?" ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने इसका जवाब देते हुए कहा "यह मिशन बहुत सफल रहा है और हमारे मिशन के लिए बहुत फ़ायदेमंद होगा."
गगनयान मिशन में मिलेगी मदद
शुक्ला ने कहा कि 20 दिन का यह मिशन उनकी उम्मीदों से बढ़कर था और उन्होंने बहुत कुछ सीखा जो भारत को उसके गगनयान मिशन में मदद करेगा. शुक्ला ने कहा कि उनके मिशन की सफलता के परिणाम दिखने लगे हैं. क्योंकि स्वदेश में बच्चे पूछने लगे हैं कि वे अंतरिक्ष यात्री कैसे बन सकते हैं.
बता दें वर्ष 1984 में सोवियत रूसी मिशन के तहत राकेश शर्मा के अंतरिक्ष में जाने के बाद शुक्ला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन गये. भारत 2027 में अपना मानव अंतरिक्ष-उड़ान मिशन ‘गगनयान' प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है.
उन्होंने सरकार, इसरो, भारतीय वायु सेना और नासा को उनके अटूट समर्थन, समन्वय और मिशन में विश्वास के लिए धन्यवाद दिया, जिसके कारण उनके लिए एक संदेशवाहक के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा करना संभव हो पाया.
शुक्ला ने कहा कि वह देशभर से मिले प्यार और समर्थन से अभिभूत हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जो प्यार और समर्थन मिला, उसके लिए मैं पहले से तैयार नहीं था.''