साल 2017 की तुलना में इस बार अधिक 'करोड़पति' विधायक हैं.
गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने सातवीं बार चुनाव जीतकर सरकार बनाई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने जीतने वाले विधायकों पर एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें उनके आपराधिक, वित्तीय और अन्य रिकॉर्ड की जानकारी दी गई है.
रिपोर्ट के मुख्य अंश :
- विधानसभा के 22 फीसदी (40 MLA) नवनिर्वाचित विधायकों ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज बताए हैं. हालांकि, यह 2017 के आंकड़े से कम है, जब 47 विधायकों ने खुद के खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी.
- 40 में से कम से कम 29 विधायकों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले बताए हैं. गंभीर अपराधों में वे मामले शामिल हैं जो गैर-जमानती हैं. इनके तहत अधिकतम पांच या अधिक वर्ष की सजा का प्रावधान है. इन मामलों में मारपीट, हत्या, अपहरण, बलात्कार जैसे मामले शामिल हैं.
- तीन उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास का मामला है जबकि एक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत बलात्कार का मामला दर्ज है.
- भाजपा के 156 जीतने वाले उम्मीदवारों में से 26 और कांग्रेस के जीतने वाले 17 उम्मीदवारों में से नौ ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
- साल 2017 की तुलना में इस बार अधिक 'करोड़पति' विधायक हैं. 182 नवनिर्वाचित विधायकों में से 151 'करोड़पति' हैं. यह आंकड़ा साल 2017 की तुलना में 10 ज्यादा है.
- तीनों निर्दलीय और समाजवादी पार्टी के एकमात्र विधायक (कांधलभाई जडेजा) ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है.
- कांग्रेस और भाजपा के जीतने वाले उम्मीदवारों में से 80 प्रतिशत से अधिक 'करोड़पति' हैं.
- 17 नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों में से 14 और भाजपा के 156 विजेताओं में से 132 ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बताई है.
- सभी 156 भाजपा विजेताओं के लिए प्रति विधायक की औसत संपत्ति ₹17.15 करोड़ है. 17 कांग्रेस विजेताओं के लिए, यह आंकड़ा 5.51 करोड़ रुपये है.
- भाजपा के जयंतीभाई पटेल सबसे अमीर नवनिर्वाचित विधायक हैं, जिनकी संपत्ति ₹661 करोड़ से अधिक है. ₹18.56 लाख की संपत्ति के साथ, भाजपा के कोकणी मोहनभाई ढेडाभाई सबसे कम संपत्ति वाले उम्मीदवार हैं.
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