असम की पार्टियों ने 2001 की जनगणना के आधार पर परिसीमन पर जताई आपत्ति: चुनाव आयुक्त

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने मंगलवार को कहा कि नागरिक समाज संगठनों ने असम की परिसीमन प्रक्रिया का विरोध नहीं किया है, लेकिन कई राजनीतिक दलों ने 2001 की जनगणना के आधार पर किए जा रहे अभ्यास या 2026 तक इसे बंद नहीं करने जैसे मुद्दों पर आपत्ति जताई है.

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भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने मंगलवार को कहा कि नागरिक समाज संगठनों ने असम की परिसीमन प्रक्रिया का विरोध नहीं किया है, लेकिन कई राजनीतिक दलों ने 2001 की जनगणना के आधार पर किए जा रहे अभ्यास या 2026 तक इसे बंद नहीं करने जैसे मुद्दों पर आपत्ति जताई है. अगला देशव्यापी परिसीमन 2026 में होने वाला है.

मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने रविवार से तीन दिवसीय दौरे के दौरान इस उत्तर पूर्वी राज्य में विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन से पहले विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा की. कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि परिसीमन के लिए मसौदा प्रस्ताव प्रकाशित होने के बाद हितधारकों के साथ फिर से विचार-विमर्श किया जाएगा, हालांकि उन्होंने इसकी अधिसूचना के लिए कोई समय सीमा निर्धारित करने से इनकार कर दिया.

उन्होंने कहा कि इस कवायद में राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या में कोई बदलाव नहीं होगा. सीईसी ने कहा कि नौ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों (जिनकी कुल संख्या 60 से अधिक है) ने ईसीआई टीम से मुलाकात की. कुमार और दो चुनाव आयुक्तों - अनूप चंद्र पांडे और अरुण गोयल ने राज्य सरकार के अधिकारियों और उपायुक्तों के साथ अन्य लोगों के साथ बातचीत की. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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