असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि मंत्रिमंडल ने बुधवार को अलग-अलग धर्मों के लोगों के बीच भूमि हस्तांतरण के आवेदनों की जांच के लिए एक विशेष संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को मंजूरी दे दी. इसमें अंतिम अनुमति देने से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा समेत कई पहलुओं पर गौर किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि एसओपी के अनुसार, असम पुलिस की विशेष शाखा इस बात की जांच करेगी कि भूमि के हस्तांतरण में कोई धोखाधड़ी या अवैध कार्य तो नहीं हुआ है, खरीदारों के वित्त पोषण का स्रोत क्या है, उस इलाके के सामाजिक ताने-बाने पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है और क्या राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मुद्दा है.
शर्मा ने कहा, 'अगर प्रस्ताव एक ही धर्म के खरीदारों और विक्रेताओं से प्राप्त होता है, तो एसओपी उन पर लागू नहीं होगा. लेकिन अलग-अलग धर्मों के लोगों के मामले में, इन सभी कारकों की कड़ाई से जांच की जाएगी.'
उन्होंने कहा कि यही मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) राज्य में शैक्षणिक और स्वास्थ्य सेवा संस्थान स्थापित करने के लिए जमीन खरीदने की योजना बना रहे बाहरी गैर-सरकारी संगठनों पर भी लागू होगी.
उन्होंने कहा, 'असम जैसे संवेदनशील राज्य में, जमीन हस्तांतरण के मुद्दे को बहुत सावधानी से संभालने की जरूरत है.'