पार्टी नेता पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला नेता को असम कांग्रेस निलंबित कर सकती है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार पार्टी इसके लिए अपना मन बना चुकी है. बता दें कि असम में पार्टी की युवा मोर्चा की पूर्व प्रमुख अंगिता दत्ता ने इंडियन यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी पर उत्पीड़न और भेदभाव करने का आरोप लगाया था.
सूत्रों के अनुसार असम प्रदेश कांग्रेस कमिटी (APCC)ने अपनी जांच में पाया कि अंगिता दत्ता द्वारा लगाए गए तमाम आरोप आधारहीन और राजनीति से प्रेरित हैं. लिहाजा, अब उनके खिलाफ पार्टी की छवि खराब करने के आरोपों के मद्देनजर डिसिप्लिनरी एक्शन लेने की तैयारी की जा रही है.
अंगिता दत्ता, जिन्होंने श्रीनिवास के खिलाफ दिसपुर पुलिस थाने में बुधवार को अपनी शिकायत दी थी. इस शिकायत को लेकर राज्य की सीआईडी ने दत्त को बुलाया था. सूत्रों के अनुसार सीआईडी इस मामले को लेकर श्रीनिवास के खिलाफ जल्द ही एक एफआईआर दर्ज कर सकती है. इसके बाद मामले से जुड़े हर पहलू की जांच की जाएगी.
दत्ता ने आरोप लगाया था कि श्रीनिवास और एक अन्य IYC नेता, वर्धन यादव ने उनके जेंडर के आधार पर उनके साथ भेदभाव किया था और उन्हें धमकाने के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी किया था.उसने यह भी दावा किया था कि उसने इस मुद्दे के बारे में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित पार्टी नेतृत्व को सूचित किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
श्रीनिवास, जो वर्तमान में कर्नाटक में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे हैं, ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया था और दत्ता के खिलाफ उनके खिलाफ असंसदीय और मानहानिकारक शब्दों का उपयोग करने के लिए मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
असम कांग्रेस ने गुरुवार को दत्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, और उनसे यह बताने को कहा था कि 24 घंटे के भीतर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इस मुद्दे को कांग्रेस पार्टी का आंतरिक मामला बताया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने राहुल गांधी से शिकायत की थी ना कि मेरे से. अगर मैं कुछ करता तो सवाल उठता कि मैं इस मामले में इतनी रुचि क्यों दिखा रहा हूं, जबकि ये कांग्रेस का आंतरिक मामला है. असम के मुख्यमंत्री का यह बयान दत्ता द्वारा शिकायत देने से पहले का है.
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